पटना: बिहार में अब दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी शिक्षक बन सकेंगे. मंगलवार (27 जून) को कैबिनेट से मुहर लगने के बाद इस निर्णय का विरोध भी शुरू हो गया है. शिक्षक संघ और अभ्यर्थी लगातार विरोध कर रहे हैं. आंदोलन तक की चेतावनी भी दे दी गई है. इन सबके बीच अब बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने इसके पीछे की बड़ी वजह भी बता दी है कि ऐसा क्यों किया गया है.


शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के जो टैलेंटेड छात्र हैं, बेरोजगार हैं वो इसमें भाग लेंगे. हम लोगों के लिए एक समस्या सामने है कि मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स और अंग्रेजी में ऐसे अभ्यर्थी नहीं मिल पाते हैं और सीट खाली रह जाती है. इसके लिए यह किया गया है. बेहतर शिक्षण कार्य हो सकेगा. साइंस और अंग्रेजी की समस्या थी, इसलिए किया गया है. इस सवाल पर कि इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हर बातों का विरोध होता है. हम क्या कह सकते हैं इस पर.


छात्र संघ ने कहा- यह सरकार का गलत निर्णय


दरअसल मंगलवार को कैबिनेट में 25 एजेंडों पर मुहर लगी. इसमें नई शिक्षक बहाली नियमावली में भी संशोधन किया गया. इससे यह साफ हो गया कि अब दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी बिहार में होने वाली शिक्षक बहाली में भाग ले सकेंगे. यह निर्णय आते ही अब विरोध हो रहा है. छात्र संघ के नेता दिलीप कुमार ने बताया कि यह निर्णय बिहार सरकार का बहुत गलत है. बिहार के अभ्यर्थियों के लिए हकमारी का काम किया गया है.


बीजेपी ने इस निर्णय पर क्या कहा?


इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनना है, इसलिए इनको राष्ट्रीय परिदृश्य दिखाई दे रहा है. इनको बिहार के युवाओं की चिंता नहीं है. बता दें कि नई शिक्षक बहाली नियमावली के तहत बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बीते 15 जून से आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू है. 12 जुलाई तक अंतिम तिथि है. कुल 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर बहाली होनी है.


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