Chandrashekhar Controversial Statement on Ramcharitmanas: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद उनका जगह-जगह विरोध शुरू हो गया है. उन पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. बयान को वापस लेने के लिए कहा जा रहा है लेकिन चंद्रशेखर अपने बयान पर कायम हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को बेगूसराय में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विरुद्ध परिवाद दायर कराया गया है.


अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ यह परिवाद दायर किया है. इसमें धारा 295ए एवं 153ए के तहत आवेदन दिया गया है. मामला दर्ज कराने वाले सांसद प्रतिनिधि सह अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने बताया कि पिछले दिनों एक दीक्षांत समारोह में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया गया था. आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. इसी को लेकर शिकायत की गई है.


तारीख मिलने पर होगी इस मामले में सुनवाई


अमरेंद्र कुमार अमर ने यह कहा कि रामायण लाखों-करोड़ों हिंदुओं के दिल में बसने वाला ग्रंथ है. शिक्षा मंत्री के विवादित बयान की वजह से मामला दर्ज करवाया गया है. अब मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की ओर से दी गई तिथि पर इसकी सुनवाई की जाएगी. गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के द्वारा दिए गए बयान के बाद बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी आपत्ति जाहिर की थी. उन्होंने नीतीश सरकार पर भी हमला बोला था.


बयान से देश में हो रहा बवाल


बता दें कि प्रोफेसर चंद्रशेखर ने यह बयान दिया है कि रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. यह समाज में पिछड़ों, महिलाओं और दलितों को शिक्षा हासिल करने से रोकता है. यह उन्हें बराबरी का हक देने से रोकता है. चंद्रशेखर ने दावा किया कि बाबा साहब आंबेडकर भी मनुस्मृति के खिलाफ थे. मनुस्मृति के बाद रामचरितमानस ने नफरत के इस दौर को आगे बढ़ाया. इसी बयान को लेकर पूरे देश में बवाल जारी है.


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