पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) रामचरितमानस (Ramcharitmanas) वाले बयान पर हर ओर से घिरते नजर आ रहे हैं. हालांकि वो अपनी बात पर अडिग हैं. मीडिया के साथ-साथ गुरुवार को उन्होंने ट्विटर पर कई पोस्ट किए हैं. पोस्ट के जरिए भी उन्होंने राम और राम चरित मानस की ही बात की लेकिन सोशल मीडिया पर यूजर्स ने खिंचाई कर दी. वो रामचरित की बात करते रहे और यूजर्स सातवें चरण की बहाली को लेकर कमेंट करते रहे.


एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा- "सर आप शिक्षक बहली पे न कोई डेट बताते हैं न ही ट्रांसफर पर कोई ठोस जवाब देते हैं. चले हैं धर्मशास्त्र पे ज्ञान देने. विधानसभा का चुनाव दूर नहीं है." वहीं एक और यूजर ने लिखा- "7वें चरण के प्राथमिक शिक्षक अधिसूचना देने का तो यही करो राम के नाम पर राजनीति अगर अभी पूछ दें कि 7वां चरण प्राथमिक शिक्षक बहाली कब दे रहे हैं तो एक भी ट्वीट नहीं निकलेगा और फालतू बकवास कितना करते हैं."



शिक्षा मंत्री ने किया था ये ट्वीट


शिक्षा मंत्री ने गुरुवार की शाम ट्वीट किया था कि राम व रामचरितमानस दोनों में जमीन आसमान का अंतर है! मैं उस श्री राम की पूजा करता हूं जो माता शबरी के जूठे बेर खाते हैं, जो मां अहिल्या के मुक्तिदाता हैं, जो जीवन भर नाविक केवट के ऋणी रहते हैं, जिनकी सेना में हाशिये के समूह से आने वाले वन्यप्राणी वर्ग सर्वोच्च स्थान पर रहते हैं!


आगे लिखा- "मैं उस रामचरितमानस का विरोध करता हूं जो हमें यह कहता है कि जाति विशेष को छोड़ कर बाकी सभी नीच हैं! जो हमें शूद्र और नारियों को ढोलक के समान पीट-पीटकर साधने की शिक्षा देता है! जो हमें गुणविहीन विप्र की पूजा करने एवं गुणवान दलित, शूद्र को नीच समझ दुत्कारने की शिक्षा देता है!"


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