पटना: बिहार विधानसभा में बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान बुधवार को सूबे के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने बड़ा एलान किया है. सदन में शिक्षा विभाग की बजट पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने ये फैसला लिया है कि राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालयों में अब आंचलिक भाषाओं में पढ़ाई होगी. इससे बच्चों को बेसिक चीजों को समझने में आसानी होगी और उनका बेस मजबूत होगा.


शिक्षा मंत्री ने कही ये बात


शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि महात्मा गांधी और फणीश्वरनाथ रेणु के आदर्शों पर चलते हुए हमने ये फैसला लिया है कि अब राज्य में प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को उनके आंचलिक भाषा में भी शिक्षा दी जाएगी. ऐसे में जो भोजपुर क्षेत्र के हैं, उन्हें भोजपुरी, जो मिथिलांचल क्षेत्र हैं, उन्हें मिथिला में पढ़ाया जाएगा. इससे बच्चों को चीजों को समझने में आसानी होगी.


शिक्षकों से की ये अपील


वहीं, सदन में उन्होंने सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों से भी अपील की, कि वे अपने जिम्मेदारी का अच्छे से वहन करें. उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर भी गंभीर है. लेकिन वो भी अपना काम करें, ताकि विपक्ष जो शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाते हैं, उन्हें ऐसा करने का मौका ना मिले.


गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने मंगलवार को भी बजट सत्र के दौरान सदन में बड़ा एलान किया था. बिहार विधान परिषद में शिक्षा मंत्री ने कहा था कि बिहार में अब एसटीईटी सर्टिफिकेट आजीवन वैलिड रहेगा. उन्होंने कहा था कि क्लास 1 से 8 तक की शिक्षक नियुक्ति से जुड़ी टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता 7 साल से बढ़ाकर आजीवन करने का फैसला लिया गया है. गौरतलब है कि केंद्रीय स्तर पर ली जाने वाली टीईटी की परीक्षा की सर्टिफिकेट की मान्यता पहले से ही आजीवन है.

इन अभ्यर्थियों को मिलेगा लाभ


बता दें कि बिहार सरकार के इस फैसले का सूबे के वैसे सभी शिक्षक अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा जिन्होंने अक्टूबर, 2020 के बाद होने वाली परीक्षाओं में हिस्सा लिया और उसे क्वालीफाई किया है. इससे पहले के अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की मान्यता सात साल ही रहेगी.


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