गोपालगंज: सफेद बालों को काला करने के लिए ग्लास में घोलकर कर रखे गए हेयर डाई (केमिकल) को पानी समझकर बुजुर्ग महिला गटक गई. केमिकल पीते ही महिला की हालत बिगड़ गई. बेहोश होने पर परिजन आनन-फानन उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मामला बिहार के गोपालगंज जिले के मांझा थाना क्षेत्र के भैसहीं गांव का है. मृतक महिला स्व. रामनाथ सहनी की पत्नी 70 वर्षीय लालमती देवी थी. 


डाई घोलकर काम करने चली गई थी बहू


सदर अस्पताल में तैनात पुलिस पदाधिकारी सब इंस्पेक्टर पंकज चौधरी ने बताया कि पूछताछ के दौरान परिजनों की ओर से बताया गया कि मृतका की बहू अपने सफेद बालों को रंगने के लिए बाजार से हेयर डाई (केमिकल) खरीद कर लाई थी. सोमवार की सुबह ग्लास में डाई घोलकर वो काम करने चली गई थी. इसी बीच महिला की सास लालमती देवी ने पानी पीने के लिए ग्लास उठाया और उसमें भरे तरल पदार्थ को पानी समझकर गटक गई. 


परिजनों के मुताबिक बुजुर्ग लालमती देवी को आंखों से कम दिखाई पड़ता था, जिस कारण उसे ग्लास में रखा हेयर डाई नहीं दिखा. हालत बिगड़ने पर उसे सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.सनाउल मुस्तफा और डॉ.रामाकांत ने उसका इलाज शुरू किया, लेकिन शरीर में जहर फैल जाने की वजह से उसकी मौत हो गई.


बिना पोस्टमार्टम के ही सौंपी लाश


महिला की मौत के बाद डॉक्टरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस टीम मौके पर पहुंची और परिजनों का बयान दर्ज किया. मृतका के परिजनों ने बताया कि बाल डाई करने वाला केमिकल पीने से बुजुर्ग महिला की मौत हुई, जिसके बाद बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव को परिजनों को दाह-संस्कार करने के लिए सौंप दिया. 


उधर, महिला की मौत के बाद बहू और परिवार के अन्य लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था. डॉक्टरों ने वहां मौजूद लागों को जागरूक करते हुए ऐसे केमिकल को बच्चों और बुजुर्गों से दूर रखने की अपील की. 


किडनी और लीवर को डैमेज करती है डाई 


ध्यान देने वाली बात है कि हेयर डाई में छह से अधिक केमिकल पाए जाते हैं. हर केमिकल का अपना अलग-अलग असर होता है. बनारस हॉस्पिटल के डॉ. प्रवीण तिवारी बताते हैं कि डाई का सेवन करने वाले व्यक्ति की किडनी फेल हो जाती है. उसका लीवर भी प्रभावित होता है. मरीज को उल्टी करा दी जाती है, समय पर अस्पताल में पहुंचाया जाता है तो समय रहते इलाज हो जाने से बहुत बार उसे बचा लिया जाता है. लेकिन हेयर डाई की ज्यादा मात्रा मरीज के लीवर में अवशोषित हो जाती है, तो उसका बचना मुश्किल हो जाता है.


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