Bihar Election 2020 Exit Poll Results: बिहार के चुनावी रण का आज आखिरी पड़ाव पूरा हो चुका है और तीसरे और अंतिम चरण का चुनाव होने के साथ ही मतदाताओं ने इस बात का फैसला कर दिया है कि बिहार की सत्ता पर अगले पांच साल तक कौन काबिज होगा. बिहार चुनाव के नतीजे तो 10 नवंबर को आएंगे पर इससे पहले ही एबीपी-सी-वोटर के एग्जिट पोल में आपको एकदम सटीक तस्वीर हम दिखा रहे हैं


एबीपी-सी-वोटर के एग्जिट पोल में एनडीए को 104-128 सीटें मिलती दिख रही हैं और महागठबंधन को 108-131 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है. इसके अलावा चिराग पासवान की एलजेपी को सिर्फ 1-3 सीटों पर जीत मिलने की उम्मीद है. वहीं अन्य के खाते में 4-8 सीटें जाने का अनुमान है.



जानिए किस गठबंधन में किसे कितनी सीटें-


एबीपी न्यूज़-सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए में नीतीश कुमार की जेडीयू को 38-46 सीटें मिलती दिख रही हैं और बीजेपी को 66-74 सीटें मिलने का अनुमान है. वीआईपी को 0-4 सीटें और हम को 0-4 सीटें मिलने का अनुमान है.


इसके अलावा महागठबंधन को देखें तो आरजेडी को 81-89 सीटें मिलने का अनुमान है और कांग्रेस को 21-39 सीटें मिल सकती हैं. इसके अलावा लेफ्ट के खाते में 6-13 सीटों के जाने का अनुमान है.



बिहार चुनाव की खास बातें


इस बार के चुनावी समर में मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने दोबारा सत्ता पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है और इसमें नीतीश कुमार की जेडीयू ने 115 सीटों पर बीजेपी ने 110, विकासशील इन्सान पार्टी ने 11 और जीतनराम मांझी की हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए.


लेकिन इस बार बिहार में लोजपा का साथ एनडीए को नहीं मिला. एलजेपी के प्रमुख चिराग पासवान ने अपनी अलग राह चुनी और अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया. जेडीयू के काम से असंतुष्ट होने का हवाला देते हुए लोकजनशक्ति पार्टी इस बार चुनाव में अकेले लड़ रही है.


महागठबंधन में आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) 144 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और इसके सहयोगियों में कांग्रेस 70 सीटों पर कॉन्टेस्ट कर रही है. CPI-(एमएल) 19 सीटों पर, सीपीआई 6 सीटों पर और सीपीआई एम 4 सीटों पर इलेक्शन लड़ रही है.


पिछले चुनाव (2015) में ये रहा था हाल
पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने 178 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था और एनडीए के हाथ सिर्फ 58 सीटें लगी थीं. 2015 में महागठबंधन की तरफ से नीतीश कुमार सीएम बने थे क्योंकि उस समय जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस इस अलाइंस में थे, हालांकि 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में चले गए और फिर सीएम पद पर रहे.


243 सदस्यों की बिहार विधानसभा में लगभग 7.30 करोड़ वोटर्स को इस बार सरकार चुनने का मौका मिला है और इसमें से करीब 78 लाख युवा वोटर्स हैं जो अपने मताधिकार का पहली बार प्रयोग कर रहे हैं.


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