पटना: बिहार चुनाव में भीतरघात का एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. चाहे विपक्षी महागठबंधन हो या सत्ताधारी एनडीए. हाल ही में बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था. पार्टी के मुखिया चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर रहे हैं. एक तरफ बीजेपी और जदयू ने अपनी सीटों का ऐलान किया वहीं दूसरी तरफ चिराग ने ट्वीट कर दिया कि अगर उनकी सरकार बनी तो वो नीतीश के सात निश्चय कार्यक्रम में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराएंगे.
बता दें कि बिहार में लोजपा नीतीश कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ रही है लेकिन बीजेपी से उसकी दोस्ती बरकरार है. चिराग पासवान ने हाल ही में ट्वीट किया था कि बिहार में जदयू को दिया गया एक भी वोट राज्य को और पीछे धकेलेगा. चिराग पासवान ने बिहार में बीजेपी के मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी. बहरहाल इस वक्त चिराग भले राज्य में एनडीए से अलग हो गए हों लेकिन केंद्र में उनका गठबंधन बरकरार है.
चिराग लंबे समय से अपने 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' एजेंडा पर काम कर रहे हैं और नीतीश कुमार नीत सरकार के साथ अपने मतभेदों के बारे में काफी पहले ही खुलकर अपनी राय जाहिर कर चुके हैं. हालांकि, उन्होंने किए जा रहे इस दावे पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि जद (यू) को निशाना बनाने के लिए उनका भाजपा से गुप्त समझौता है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में भाजपा को जवाब देना है.
इस सवाल पर कि राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ने के बाद लोजपा और भाजपा के संबंध कैसे हैं, पासवान ने कहा, 'मेरे भाजपा के साथ काफी सौहार्दपूर्ण संबंध हैं. मैंने कहा है कि भाजपा के साथ हमारा कोई कटुता नहीं है.' लोजपा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनका उस समय ख्याल रखा जब उनके पिता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान हफ्तों से अस्पताल में हैं.
पासवान ने कहा कि एक भी दिन ऐसा नहीं रहा है जब मोदी ने उनके पिता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी नहीं ली हो. उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की भी प्रशंसा की. रामविलास पासवान का राष्ट्रीय राजधानी के एक निजी अस्पताल में हृदय का ऑपरेशन हुआ है.चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र में भाजपा नीत राजग का हिस्सा बनी रहेगी.
चिराग ने मोदी के नेतृत्व के प्रति अपने समर्थन को रेखांकित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने 2014 में लोकसभा चुनावों के दौरान उनका समर्थन किया था जब वह राजग की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे जबकि नीतीश कुमार ने उनकी उम्मीदवारी के विरोध में गठबंधन छोड़ दिया था.