बिहार में 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी शिवसेना, उद्धव और आदित्य ठाकरे होंगे स्टार प्रचारक
सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में आमने-सामने आई बिहार और महाराष्ट्र की सरकार का रण चुनावों में भी देखने को मिलेगा. महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना बिहार की 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सीएम उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे स्टार प्रचारक की भूमिका निभाएंगे.
पटना: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अब शिवसेना बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ 50 सीटों पर शिवसैनिक उमेदवार उतारने जा रही है. बिहार में भगवा रंग लहराने के लिए शिवसेना ने अपने 20 स्टार प्रचारक की लिस्ट भी जारी कर दी है. कई महीने से सुशांत सिंह मामले में आन, बान और शान की लड़ाई लड़ रही बिहार और महाराष्ट्र सरकार अब एक दूसरे के खिलाफ चुनावी अखाड़े में लड़ाई लड़ने जा रहे हैं.
आज शिवसेना द्वारा सभी 20 स्टार प्रचारकों का नाम ज़ाहिर किया गया जिसमें सबसे पहला नाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का था और दूसरा उनके बेटे, कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे का.इस बीच महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में 30 साल पुराने गठबंधन को नया मोड़ देने वाले और हमेशा अपने बयान से चर्चा में बने रहने वाले शिवसेना के सांसद संजय राउत, राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, अरविंद सावंत, अनिल देसाई, सुभाष देसाई, गुलाबराव पाटिल, राहुल शेवाले सहित अन्य शिवसैनिकों के नाम शामिल हैं.
इन स्टार प्रचारकों को चुनावी ढाल बनाकर चुनाव में उतारने जा रही शिवसेना के एक स्टार प्रचारक प्रियंका चतुर्वेदी से एबीपी न्यूज़ संवादाता रेणु चौधरी ने बात की और बिहार में शिवसेना का चुनावी रणनीति जानने की कोशिश की प्रियंका चतुर्वेदी का मानना है के शिवसेना बिहार चुनाव में बिहार के जनता के लिए एक ' नया ऑप्शन' है. प्रियंका का कहना है के बिहार की जनता ने महाराष्ट्र को बनाने में अहम भूमिका निभाई है अब हमरीं जिम्मेदारी है बिहार के जनता का भविष्य बनना.
शिवसेना नेता ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए, राज्य के प्रति उनकी भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतने सालों से बिहार में जदयू और भाजपा का गठबंधन है लेकिन अभी भी बिहार की जनता बदहाल है. बिहार में बेरोज़गारी चरम पर है, शिक्षा का कोई अच्छा माध्यम भी नही है, स्वास्थ्य की कोई बेहतर सुविधा नही है. भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर है और कानून व्यवस्था पूरा तहस नहस है. ऐसे में बिहार की जनता के सामने शिवसेना एक बेहतर विकल्प है -बिहार की जनता की आवाज़ बनकर हम वहां कैंपेन करेंगे.
बिहार के सीट पर आपस मे ही पार्टियों के बीच खींचतान छिड़ी हुई है. बिहार में नेता ही नहीं डीजीपी पद के लोग भी राजनीति करते हैं. बिहार में 'नीतीश बाबू' सुशासन नही कुशासन राज देखने मिल रहा है. अपने राजनीतिक फायदे के लिए महाराष्ट्र सरकार को बदनाम किया गया. महाराष्ट्र के मुद्दे पर बिहार में चुनावी फायदा उठाने का भी काम किया गया है. बिहार की जनता समझदार है.
इस बार हमने 50 सीटों पर लड़ने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि हम ऐसे सीट पर उमीदवार उतारेंगे जिसपर हमे पूरा भरोसा है के हम जीतेंगे. अनिल देसाई और बिहार के राज्य प्रमुख उमीदवारों की सूची तैयार करेंगे. उन्हें उमीदवारों की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
महाराष्ट्र के बाद बिहार में शिवसेना का चुनावी एजेंडा क्या होगा ये पूछे जाने पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा के हमारा मुद्दा बिहार का विकास होगा. युवाओं को नौकरी, महिलाओ की सुरक्षा, स्वस्थ सेवा, शिक्षा और बिहार की अर्थव्यवस्था पर हम काम करेंगे. महाराष्ट्र में उद्धव सरकार की भूमिका के उपलब्धियों को गिनाते हुए शिवसेना नेता कहती है कि जबसे हमारी सरकार बनी है तबसे विपक्ष हम पर आरोप लगता रहा है. लेकिन हमारा काम हमारी पहचान है.
महाराष्ट्र में हमारा काम बोलता है. आज हमारे काम की तारीफ वर्ल्ड बैंक भी खुद कर रहा है. महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ एक एजेंडा चलाया गया लेकिन बिहार की जनता सही गलत खुद तय करेगी. सुशांत मामले में सत्य की जीत हुई है. हम पर खूब वार किए गए. सुशांत मामला महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ चारो तरफ से प्रहार किए गए लेकिन अंत में सत्य की ही जीत हुई.
नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार में अपनी किस्मत आज़माने जा रही शिवसेना ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट तो जाहिर कर दी है लेकिन 50 सीटों पर चनाव लड़ने जा रही शिवसैनिक उमीदवारों के नाम घोषित होना अभी बाकी है. बिहार के जनता के लिए एक ऑप्शन की सरकार होने का दावा करने वाली शिवसेना भ्रष्टाचार, बेरोजगार और राज्य में सुशाशन को मुद्दा बनाकर चुनाव मैदान में उतारने जा रही है लेकिन क्या इस चुनावी मैदान में शिवसेना नीतीश सरकार के खिलाफ बिहार के बेटे सुशांत सिंह' को भी एक ऑप्शन के रूप में भुनाती है या नहीं, ये आनेवाले समय में देखना अहम होगा.