बिहार देश का पहला राज्य है, जहां कोरोना महामारी के दौरान विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. राज्य में आज दूसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है. इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए आधा दर्जन नेता दावेदार हैं. आइये जानते हैं कौन-कौन से उम्मीदवार मुख्यमंत्री के लिए दावा ठोक रहे हैं.


नीतीश कुमार- एनडीए गठबंधन की ओर से एक बार फिर से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री का चेहरा हैं, पिछले पंद्रह वर्षों से राज्य की गद्दी संभाल रहे है. नीतीश कुमार लगातार चौथी बार चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में जुटे हैं, वो चुनावी मंच से अपनी उपलब्धियों को गिना रहे हैं. अपने लंबे कार्यकाल के बावजूद वो अपनी सभाओं में कह रहे हैं कि फिर से मौका मिला तो वह बचे हुए काम पूरा कर बिहार को विकसित राज्य बना देंगे. नीतीश जंगल राज के दिनों की याद दिला कर मतदाताओं को जता रहे हैं कि बिहार में शांति और सुकून उनकी सरकार की वजह से हैं.


तेजस्वी यादव - विपक्ष के महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार आरजेडी नेता तेजस्वी यादव हैं, इस चुनाव में अब तक एक मंझे हुए सियासी खिलाड़ी की तरह खेल रहे हैं, वो लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बेरोजगारी और बदहाली को लेकर हमला कर रहे हैं. उन्होंने सरकार बनते ही पहली कैबिनेट की बैठक में 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया है. तेजस्वी एक दिन में दर्जन भर से अधिक सभाओं को संबोधित कर रहे हैं, अगर वे मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हो गए तो सबसे कम उम्र के सीएम होगें.


चिराग पासवान - एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रही एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान को लेकर भी सुगबुगाहट तेज है. “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” के नारे के साथ चुनावी रण में उतरे चिराग, नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर हमले बोल रहे हैं. नीतीश के खिलाफ आक्रमक चिराग बीजेपी के खिलाफ सॉफ्ट हैं और वो लगातर पीएम नरेंद्र मोदी से अपने संबंध को लेकर मुखर हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि चिराग ने भी मुख्यमंत्री पद पर अपना दाव ठोक दिया है हालांकि वे अपने आप को सीएम पद का उम्मीदवार मानने से इनकार कर देते हैं.


पुष्पम प्रिया चौधरी- लंदन से पढ़कर आईं पुष्पम प्रिया चौधरी बिहार को यूरोप के तर्ज पर विकसित करने की बात कर रही हैं. बिहार के अखबारों में पहले पन्ने पर विज्ञापन देकर वे सुर्ख़ियों में आयी थी. खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताने वाली पुष्पम प्रिया ने नीतीश से लेकर तेजस्वी तक को खुली चुनौती दी है. पुष्पम प्रिया सोशल मीडिया पर खूब हिट हैं, बिहार चुनाव की वे सबसे बड़ी सनसनी के तौर पर एंट्री लेने वाली नेता बन गयी हैं.


उपेन्द्र कुशवाहा- आरएलएसपी ने मायावती की पार्टी ने बीएसपी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के साथ गठबंधन बनाया है. उपेन्द्र कुशवाहा इस गठबंधन के मुख्यमंत्री का चेहरा हैं. कुशवाहा “अबकी बार शिक्षा वाली सरकार” का नारा देकर चुनावी रण में उतरे हैं. कुशवाह लगातार नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला कर रहे हैं. वे बार-बार कह रहे हैं 15 साल इनके और 15 साल उनके और बिहार बर्बाद हो गया है, इसलिए इस बार शिक्षा वाली सरकार को मौका दे.


अब देखना होगा कि कौन बनेगा मुख्यमंत्री इन छह दावेदारों में से? क्या आज की राजनीति की सूरत बदलेगी, क्या चुनाव के बाद कोई नया गठबंधन बदलेगा, क्या कोई नया चेहरा सीएम के पद पर काबिज होगा ? या नीतीश कुमार फिर से गद्दी पर काबिज होगे, इन सवाल के जवाब के लिए 10 नवंबर तक का इंतजार करना होगा.


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