बिहार: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान कई बार यह बात कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर उन्हें पूरा भरोसा है और उनके जितने भी विधायक बिहार चुनाव में जीतेंगे वो सब पीएम मोदी और बीजेपी का हाथ मजबूत करेंगे.


लोक जनशक्ति पार्टी ने यह ऐलान किया था कि बिहार चुनाव में वो 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी . इनमें वही सीटें होंगी जिन पर बीजेपी का कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं होगा.  हालांकि सियासी मज़बूरी ऐसी पैदा हुई कि कुछ सीटों पर लोजपा को बीजेपी उम्मीदवारों के सामने भी अपना उम्मीदवार उतारना पड़ा. एबीपी न्यूज़ को मिली ख़बर के मुताबिक़ बिहार की 5 सीटों पर बीजेपी के सामने एलजेपी अपने उम्मीदवार उतारेगी.


इन सीटों में गोविंदगंज ( पूर्वी चंपारण ) , लालगंज ( वैशाली ) , भागलपुर , रोसड़ा ( समस्तीपुर ) और राघोपुर ( हाजीपुर ) शामिल हैं. गोविंदगंज और लालगंज विधानसभा सीटों पर फ़िलहाल एलजेपी का ही कब्ज़ा है और दोनों सीटें बीजेपी के खाते में चली गई हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि बाक़ी तीन सीटों पर पार्टी के मज़बूत उम्मीदवारों को उतारा गया है.


जैसे, भागलपुर से पार्टी ने शहर के युवा उपमहापौर राजेश वर्मा को मैदान में उतारा है. राघोपुर से तेजस्वी यादव के ख़िलाफ़ मैदान में उतरे बीजेपी उम्मीदवार सतीश राय के सामने लोजपा ने अपने बिहार प्रदेश के आईटी सेल प्रमुख पर दांव लगाया है. इसके अलावा लोजपा के बाक़ी सभी प्रत्याशी उन्हीं सीटों पर उतारे गए हैं जिनपर जेडीयू , हम और मुकेश साहनी की वीआईपी के उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.


लोजपा ने अभी तक केवल पहले चरण के लिए ही अपने उम्मीदवारों की औपचारिक सूची जारी की है, लेकिन पार्टी ने अपने चयनित उम्मीदवारों को पार्टी का सिंबल देना जारी रखा है. अगर पार्टी के टिकट बंटवारे पर गौर किया जाए तो ये साफ़ हो जाएगा कि पार्टी अपना सामाजिक दायरा बढ़ाना चाहती है । अबतक केवल एक जाति की पार्टी समझी जाने वाली लोजपा ने इस बार बड़ी संख्या में अगड़ी जाति के लोगों को टिकट दिया है. मसलन , बेगूसराय की चार सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार उतारे हैं और चारों ही भूमिहार जाति के हैं. इसी तरह , छपरा में पार्टी ने चार ठाकुर उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि तीसरे चरण की कई सीटों पर पार्टी वैश्य जाति के उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है.