पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने में अभी एक दिन का वक्त बचा है, लेकिन एग्जिट पोल से मिले संकेतों के बाद महागठबंधन के दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस पार्टी में टूट की आशंका से डर बना हुआ है, इसीलिए विधायकों की खरीद-फरोख्त रोकने के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं ने पटना में डेरा जमाकर रखा है. कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि खरीद फरोख्त के अलावा पार्टी के नेता एग्जिट पोल के संकेतों को देखते हुए सरकार में कांग्रेस की भागीदारी और अपने हिस्से की दावेदारी पर भी विचार कर रहे हैं.


सूत्र कहते हैं कि त्रिशंकु विधानसभा बनने की स्थिति में कांग्रेस के टूट की आशंका के मद्देनजर कांग्रेस ने पार्टी के महासचिव और बिहार चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला को पटना भेजा है जबकि वरिष्ठ नेता अविनाश पांडेय भी पटना पहुंचने वाले हैं. इधर, सुरजेवाला से जब इस संबंध में पूछा गया तो वे कहते हैं, गणना के पूर्व इस पर बात करना बेमानी है. मैं पहले भी कह चुका हूं राजद, कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों का गठबंधन सत्ता प्राप्ति नहीं बिहार में व्यवस्था परिवर्तन है. कांग्रेस के लिए पद जरूरी नहीं, वो बिहार की लड़ाई लड़ेगी.


कांग्रेस को अपने विधायकों को संभाले रखना बड़ी चुनौती


सूत्रों का मानना है कि परिणाम के बाद अगर किसी को बहुमत नहीं मिला तो कांग्रेस को अपने विधायकों को संभाले रखना बड़ी चुनौती है और कांग्रेस इस मामले को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. यही कारण है कि परिणाम के पहले ही कांग्रेस अपनी रणनीति पर काम कर रही है.


इस बीच, रविवार को भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई और सोमवार को भी एक बैठक होनी है. झारखंड के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय भी पटना में डेरा जमाए हुए हैं. सूत्रों का कहना है कि ये सभी नेता चुनाव परिणाम के साथ सरकार गठन तक बिहार में डेरा जमाए रखेंगे. उल्लेखनीय है कि 10 नवंबर को राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतगणना होनी है.


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