कैमूर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कैमूर जिले के चारों विधानसभा में 1 अक्टूबर से नामांकन शुरू हो गया है, जो आठ अक्टूबर चलेगा. वहीं 28 अक्टूबर को मतदान होना है. ऐसे में सोमवार को चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी जमा खान ने अपना नामांकन पर्चा भरा. वहीं रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बसपा के प्रत्याशी अंबिका सिंह यादव ने और निर्दलीय सुधाकर तिवारी ने नामांकन पर्चा दाखिल किया.


सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करा पा रही पुलिस


इस तरह से जिले में कुल 3 लोगों ने नामांकन पर्चा दाखिल किया. हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से मोहनिया में बसपा प्रत्याशी अंबिका यादव के नामांकन दाखिल करने के बाद जमकर नारेबाजी भी की गई. प्रत्याशियों को न तो आचार संहिता के नियमों का पालन करते हुए देखा गया और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का ही प्रशासन पालन करा पाई.


सैकड़ों की संख्या में पहुंचे समर्थक


चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी जमा खान जब नामांकन पर्चा दाखिल कर वापस लौटे तो उनके सैकड़ों समर्थकों का हुजूम परिसर के अंदर मौजूद रहा. नामांकन पर्चा दाखिल करने के बाद धक्का-मुक्की करते हुए वे लोग परिषर से बाहर निकले.


आरजेडी पर जमकर साधा निशाना


रामगढ़ के बसपा प्रत्याशी अंबिका यादव ने कहा कि मैं पहले आरजेडी से रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र का विधायक रहा हूं. लेकिन आरजेडी ने जब मुझे टिकट नहीं दिया तो बहन मायावती जी ने मुझे बसपा से टिकट देने का काम किया है. महागठबंधन में दलित और पिछड़ों को कभी भी सम्मान नहीं मिलता है. आप देख सकते हैं एनडीए छोड़कर श्याम रजक जी आए थे विधायक थे, मंत्री भी थे, लेकिन उनका टिकट महागठबंधन ने काट दिया. आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि महागठबंधन में दलितों शोषितों को कितना सम्मान दिया जाता है.


एनडीए ने क्षेत्र का नहीं किया विकास


वहीं, चैनपुर के बसपा प्रत्याशी जमा खान ने कहा कि हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. एनडीए के गवर्नमेंट ने कोई विकास हमारे क्षेत्र में नहीं किया है. हमारे यहां जंगली इलाका है, यहां का जो भी महुआ पियार और तेंदू पत्ता है उस पर सेंचुरी लगाकर रोक लगा दिया गया है. अगर मैं जीता तो जंगली लोगों के लिए इन सभी से रोक हटाऊंगा और किसानों के लिए नहर की बहुत ज्यादा समस्या है. ऐसे में सिंचाई के लिए नहर का व्यवस्था भी कराऊंगा.