बिहार चुनाव: तीसरे चरण में कुशवाहा और ओवैसी की सबसे कठिन परीक्षा, जानें कैसे
ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस चरण में आरएलएसपी 25 सीटों पर चुनावी मैदान में हैं
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण में ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इस चरण में आरएलएसपी 25 सीटों पर चुनावी मैदान में हैं, इनमें चौदह कुशवाहा, तीन राजपूत, तीन मुस्लिम, दो दलित के अलावा यादव, धानूक और वैश्य समाज के एक-एक प्रत्याशी है चुनावी मैदान में.इन प्रत्याशियों में पूर्व विधायक रविंद्र राय, पार्टी के संस्थापक सदस्य शिवेंद्र कुमार सहित रामपुकार सिन्हा और बाजपट्टी से आरएलएसपी के टिकट पर पिछला चुनाव लड़ चुकी रेखा गुप्ता सरीखे कई चर्चित चेहरे हैं चुनावी मैदान में. इस चरण में जीत के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल सहित तमाम जिलों में अपनी पूरी ताकत लगा दी है. कुशवाहा रोजाना रोड शो और 4 से 5 सभाएं कर रहे हैं वहीं ओवैसी सीमांचल में सभाएं और जनसंपर्क और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं इस चुनावी सभा का मेन एजेंडा लोगों के बीच पढ़ाई, दवाई, कमाई, मुद्दा उछालने के साथ-साथ यह भी संदेश देने की कोशिश की जा रही है उसकी सीधी लड़ाई आरजेडी से है. बताते चलें कि ओवैसी की पार्टी पिछले कुछ चुनावों से बिहार में अपनी किस्मत आजमा रही है और सीमांचल इलाके में इनका अपना एक जनाधार भी तैयार हुआ है लेकिन, अक्सर इसपर वोट कटवा होने के आरोप भी लगता रहा है, अब जब अपने छर्ड फ्रंट के तहत खुलकर गोलबंद हुए हैं तो यह चुनाव इनके लिए अस्तित्व की लड़ाई जैसी है कुछ ऐसी हीं स्थिति कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी की भी है जिसे ना एनडीए का साथ मिला और ना हीं महागठबंधन का. ऐसे में तीसरे चरण में अपने तमाम प्रत्याशियों के साथ थर्ड फ्रंट के लिए इस चरण में लड़ाई प्रतिष्ठा की भी है.