Bihar Election: चुनाव आयोग के खिलाफ JAP सुप्रीमो पप्पू यादव खटखटा सकते हैं कोर्ट का दरवाजा, जानें- क्या है पूरा मामला?
पप्पू ने कहा चुनाव से परहेज नहीं मगर नए तरीके पर ऐतराज है. बिहार इतना विकसित नहीं की वर्चुअल प्रचार और चुनाव को तैयारी हो. यहां की 80 प्रतिशत जनता इंटरनेट से दूर है.
पटना: बिहार में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही कोरोना काल में नए नियमों के साथ हो रहे इस चुनाव की समीक्षा राजनीतिक दलों ने अपने-अपने तरीके से करना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में पूर्व सांसद और जाप के सुप्रीमो पप्पू यादव नए नियम से खासा नाराज हैं. इन्हें चुनाव की तारिखों से तो ऐतराज नहीं, मगर चुनाव प्रचार के बंदिशों से नाराजगी है.
चुनाव से चुनाव प्रचार के प्रक्रिया से है नाराजगी
नाराजगी ऐसी कि पप्पू यादव ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है. पप्पू यादव अपने वकीलों से मशवरा कर रहे हैं और सोमवार को पीआईएल दाखिल कर सकते हैं. चुनाव आयोग से नाराज पप्पू यादव का कहना है कि आयोग प्रचार का तरीका बदले और अगर कोरोना की इतनी चिंता तो चुनाव क्यों करवा रहे हैं? पप्पू ने कहा चुनाव से परहेज नहीं मगर नए तरीके पर ऐतराज है. बिहार इतना विकसित नहीं की वर्चुअल प्रचार और चुनाव को तैयारी हो. यहां की 80 प्रतिशत जनता इंटरनेट से दूर है.
दरअसल, चुनाव प्रचार को लेकर चुनाव आयोग ने जो महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं वो निम्न हैं-
1. उम्मीदवार अपना नामांकन ऑनलाइन भी भर सकते हैं, इसके लिए उन्हें चुनाव आयोग के कार्यालय जाकर नामांकन भरने की भी जरूरत नहीं होगी.
2. चुनावी कैंपेन के दौरान पब्लिक गैदरिंग में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. एक बार में एक साथ पांच से ज्यादा लोग किसी के घर जाकर प्रचार नहीं कर पाएंगे.
3. सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने पर चुनाव आयोग द्वारा कार्रवाई करने की बात कही गई है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी चुनावी नियमों को पालन करेंगे.
4. रोड शो के लिए 5 वाहन का इस्तेमाल होगा और नामंकन के समय 2 वाहन ही रहेंगे. प्रत्याशियों के पास ऑनलाइन पर्चा भरने का भी विकल्प होगा.
5. चुनाव प्रचार सिर्फ वर्चुअल होगा.