पटना : बिहार विधान सभा चुनाव के अंतिम दौर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इमोशनल कार्ड काम नहीं आया. प्रचार के अंतिम दौर में आखिरी दिन पूर्णिया के जिस धमदाहा विधानसभा क्षेत्र में जेडीयू प्रत्याशी लेसी सिंह के लिए चुनाव प्रचार करने गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी आखिरी चुनावी सभा में यह कहा कि "आज चुनाव का आखिरी दिन है परसों चुनाव है और यह मेरा अंतिम चुनाव है अंत भला तो सब भला. अब आप बताइए कि वोट दीजिएगा कि नहीं और साथ हीं प्रत्याशी लेसी सिंह के लिए यह कहा था हम इनको जीत की माला समर्पित करते हैं "मुख्यमंत्री की इन बातों ने सियासी हलकों में जहां हलचल मचा दी वहीं इन बातों को इमोशनल कार्ड के रूप में भी समझा जाने लगा और आकलन किया जाने लगा कि आखिरी चरण में धमदाहा में जमकर मतदान होंगें और शायद नीतीश की इमोशनल बातें इनकी सियासत को मजबूती प्रदान करेंगीं. लेकिन परिणाम इसके ठीक विपरीत रहा और जिस धमदाहा में मुख्यमंत्री ने इमोशनल कार्ड खेला था वहां पिछले चुनाव से भी कम मतदान हुए. पिछले 2015 के चुनाव के मुकाबले धमदाहा विधानसभा क्षेत्र में इस बार 8.48% मतदान कम हुए. पिछले 2015 के चुनाव में इस क्षेत्र में 65.28% मतदान हुआ था जो इस बार कम होकर सिर्फ 56.80% हीं मतदान हुआ हैं.सबसे बड़ी बात यह है कि चुनाव प्रचार के अंतिम दिन यानि 5 नवंबर को जिन विधानसभा क्षेत्रों में धमदाहा के अलावे रुपौली, बरारी,कटिहार, मनिहारी में मुख्यमंत्री ने चुनावी सभा को संबोधित किया उन सभी में मतान का प्रतिशत कम हुआ है पिछले चुनाव के मुकाबले.इसमें सबसे बड़ा अंतप बरारी विधानसभा में देखने को मिली है जहां पिछले चुनाव में 69.62% मतदान हुए थें वहां इस बार सिर्फ 60.36% हीं मतदान हुए. इसके अलावे अगर बात कटिहार की की जाए तो पिछले चुनाव में यहां 63.30% मतदान हुए थे जो इस बार घट कर 61.52% हुए हैं वहीं रुपौली की बात करें तो पिछले चुनाव में वहां 61.78% मतदान हुए थे जो इस बार घट कर 56.50% हो गए हैं वहीं मटिहानी में पिछले चुनाव में 64.41% मतदान हुए जो घट कर इस बार 62.81% हो गए हैं.
अब इंतजार इस बात का है कि मतदान में जितने भी प्रतिशत लोगों ने अपनी भागीदारी निभाई है उनके मतों पर मुख्यमंत्री के बयान के जादू का असर कितना हुआ है इस बात का खुलासा 10 नवंबर को मतगणना के बाद हीं हो सकेगा.