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Bihar Election: जानें- कौन हैं कामेश्वर चौपाल जो बन सकते हैं डिप्टी सीएम, राम मंदिर शिलान्यास से क्या है कनेक्शन
कामेश्वर चौपाल ने बिहार के मधुबनी जिले से पढ़ाई-लिखाई की है. यहीं वे संघ के संपर्क में आए थे. ग्रेजुएशन करने के बाद वे संघ से पूरी तरह से जुड़ चुके थे. इसके बाद संघ ने उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बनाया था.
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पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद एनडीए ने सूबे में नई सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. अगले सीएम कौन होंगे इस संबंध में बातचीत करने के लिए आज सीएम आवास पर एनडीए घटक दल के शीर्ष नेताओं की अनौपचारिक बैठक हो रही है, जिसमें सीएम नीतीश कुमार को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की बात पर मुहर लग सकता है. मुख्यमंत्री चेहरे के मंथन के बीच अब बिहार में उपमुख्यमंत्री के चेहरे पर भी मंथन शुरू है.
सूत्रों के अनुसार, अयोध्या में 1989 में हुए राम मंदिर शिलान्यास के दौरान पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. उन्हें मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की जगह बिहार का नया डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है.
बता दें कि साल 1989 में राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल दो बार बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके. बीजेपी के वरिष्ठ नेता कामेश्वर चौपाल दलित समुदाय के हैं और साल 1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में उन्होंने ही राम मंदिर की नींव रखी थी. आरएसएस ने उन्हें पहले कारसेवक का दर्जा दिया है. जब अयोध्या में राममंदिर के बनाने के लिए संघर्ष चल रहा था, तब विश्व हिन्दू परिषद के आह्वान पर राममंदिर के निर्माण के लिए बिहार से कामेश्वर चौपाल भी ईंट लेकर अयोध्या पहुंचे थे.
बता दें कि कामेश्वर चौपाल ने बिहार के मधुबनी जिले से पढ़ाई-लिखाई की है. यहीं वे संघ के संपर्क में आए थे. ग्रेजुएशन करने के बाद वे संघ से पूरी तरह से जुड़ चुके थे. इसके बाद संघ ने उन्हें मधुबनी जिले का जिला प्रचारक बनाया था. कामेश्वर चौपाल की पत्नी बिहार के सीतामढ़ी की रहने वाली थीं. सीतामढ़ी को मां सीता का जन्मस्थान माना जाता है.
बता दें कि कामेश्वर चौपाल ने साल 1991 में लोक जनशक्ति पार्टी के दिवंगत नेता रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव लड़ा था. हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद साल 2002 में वे बिहार विधानपरिषद के सदस्य बने. साल 2014 में भाजपा ने उन्हें पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन यहां भी उन्हें हार मिली.
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