अनुराग ठाकुर का दावा- NDA सरकार ने बिहार को दिया UPA से दोगुना पैसा
ठाकुर ने कहा कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार 2020-21 के लिए केंद्र के कुल वितरणीय संसाधन कोष में बिहार का हिस्सा वतर्मान 9.67 प्रतिशत से बढ़ाकर 10.06 प्रतिशत कर दिया है.
पटना: केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने दावा किया कि बिहार को केंद्र व राज्य की डबल इंजन एनडीए सरकार ने यूपीए से दोगुना धन दिया. ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा बिहार के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए केंद्र की विभिन्न योजनाओं का राज्य को समुचित लाभ उपलब्ध कराए जाने व प्रदेश के विकास के लिए कटिबद्ध है.
ठाकुर ने कहा कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार 2020-21 के लिए केंद्र के कुल वितरणीय संसाधन कोष में बिहार का हिस्सा वतर्मान 9.67 प्रतिशत से बढ़ाकर 10.06 प्रतिशत कर दिया है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान, 2020-21 में, बिहार राज्य को अब तक 3719 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि 2015-20 के दौरान बिहार को 14 वें वित्त आयोग के हिस्से के रूप में 25403 करोड़ रुपये मोदी सरकार ने देने का काम किया है. बिहार को 2020-21 के लिए 8850 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
विधवाओं, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों को 1000 रुपये दिए गए- ठाकुर
अनुराग ठाकुर ने कहा ''प्रधानमंत्री जन धन योजना का लाभ बिहार को भी मिला है, जहां 2.4 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को तीन किस्तों में 500 रुपए सीधा उनके खातों में डाले गये गए हैं. राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत 36 लाख से अधिक बिहारी भाई बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण का काम मोदी सरकार ने किया है जिसमें विधवाओं, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों को 1000 रुपये दिए गए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत, बिहार में 2.4 करोड़ से अधिक खातों में 92,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्थानांतरित की गई है.
ठाकुर ने कहा कि 2014-2019 के दौरान मोदी सरकार ने बिहार को सहायता राशि के रूप में यूपीए 2009-14 के दौरान 50008 करोड़ रुपये की तुलना में 109642 करोड़ रुपये की कुल राशि दी जो बिहार को यूपीए शासन काल में दी गई धनराशि की तुलना में 119% अधिक है.' ठाकुर ने कहा, ''इसी प्रकार मोदी सरकार ने 2014-2019 के दौरान कर विचलन के माध्यम से बिहार को यूपीए के 2009-14 के 136845 करोड़ रुपये की तुलना में 283452 करोड़ रुपये की धनराशि देने का काम किया है. यह यूपीए द्वारा बिहार को दी गई धनराशि की तुलना में 107% से अधिक की वृद्धि है.''
उन्होंने कहा कि 2020-21 के दौरान बिहार के लिए कर अवमूल्यन और अनुदान के माध्यम से क्रमशः 78896 करोड़ रुपये और 52754 करोड़ रुपये की राशि का प्रबंध किया गया जो अपने आप में इतिहास है.
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