Bihar Election: विकास से कोसों दूर नीतीश सरकार के मंत्री का विधानसभा क्षेत्र, ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का लिया फैसला
लोगों ने बताया कि गांव आने-जाने के लिए सड़क नहीं है, नाव से आवागमन करना पड़ता है. नाव वाले को हर बार 20 से 30 रुपये देने पड़ते हैं और शाम होने के बाद नाव भी नहीं चलती है.
दरभंगा: बिहार के दरभंगा के गौड़ा बौराम विधानसभा के परसरमा गांव वासियों ने इस बार रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया है. मूलभूत सुविधा नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने NH-17 के बजरंग चौक पर सड़क के दोनों तरफ बाकायदा लोहे के फ्रेम पर रोड नहीं तो वोट नहीं लिखकर गाड़ दिया है. लोगों का कहना है पिछले 10 वर्षों से परसरमा के गांव निवासी नारकीय जीवन जीने को विवश हैं.
लोगों ने बताया कि गांव आने-जाने के लिए सड़क नहीं है, नाव से आवागमन करना पड़ता है. नाव वाले को हर बार 20 से 30 रुपये देने पड़ते हैं और शाम होने के बाद नाव भी नहीं चलती है. ऐसे में यदि कोई बीमार पड़ जाए तो फिर भगवान ही मालिक है. लेकिन 10 वर्षों से किसी जनप्रतिनिधि ने इसबात की सुध नहीं ली.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के नेता और सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी यहां से विधायक हैं. हालांकि इस बार वो गौड़ा बौराम को छोड़ बहादुरपूर से जदयू के ही चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव 2020 गौड़ा बौराम सीट बीजेपी के खाते में गई है और यहां से बीजेपी उम्मीदवार मैदान में हैं.
गौरतलब है कि 2010 विधानसभा चुनाव में मदन सहनी ने पहली बार बहादुरपुर विधानसभा से ही जदयू के सिम्बोल पर चुनाव जीता था, लेकिन यहां की हालात बद से बदतर है. 2015 में इन्होंने क्षेत्र बदला और गौड़ा बौराम से राजद-जदयू गठबंधन से जदयू के सिंम्बोल पर चुनाव लड़ जीत हासिल की. जबकि राजद के भोला यादव ने राजद-जदयू गठबंधन के तहत चुनाव जीता था. लेकिन इसबार इस बहादुरपुर विधानसभा को छोड़ हायाघाट विधानसभा से राजद से चुनाव लड़ रहे हैं.