आरा: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव के लिए अब नामांकन समाप्त हो गया है. चुनाव जीतने के लिए सभी राजनितिक पार्टियां जी तोड़ मेहनत कर रहीं हैं. ऐसे में इस बार चुनाव में रातनीतिक दल पुरानी सीटों को जीतने के लिए पार्टी के पुराने नेताओं पर अपना दांव लगा रही है. ऐसी ही एक विधानसभा सीट है बड़हरा, जहां बीजेपी नेे राघवेन्द्र प्रताप सिंह पर विश्वास जताया है. बता दें कि इस सीट पर राघवेन्द्र प्रताप और उनके पिता अम्बिका शरण सिंह ने 5 दशक तक जीत का झंडा लहराया है. लेकिन विधानसभा चुनाव 2005 में जीत का ये सिलसिला टूट गया.
2015 में समाजवादी पार्टी से लड़ा था चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बीजेपी ने इस विधानसभा से एक बार फिर पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. इससे पहले राघवेन्द्र राजद की टिकट पर बड़हरा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे थे. बता दें कि गुरुवार को बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व विधायक राघवेन्द्र ने बड़हरा विधानसभा से नामांकन दाखिल किया है. 2015 में राघवेन्द्र मुख्य धारा से हट कर समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था, जो राघवेंद्र की सबसे बड़ी गलती साबित हुई थी.
लालू राज में रह चुके हैं मंत्री
बता दें कि बीजेपी प्रत्याशी राघवेन्द्र प्रताप सिंह बड़हरा विधानसभा से 9 बार चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें 6 बार उनकी जीत हुई है. साथ ही वे लालू राज में 1997 से 2005 तक बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके है. विधानसभा चुनाव 2005 में राघवेन्द्र प्रताप सिंह को जदयू प्रत्याशी आशा देवी ने तकरीबन 15000 वोट के अंतर से हराया था. दोबारा 2010 के विधानसभा चुनाव में राघवेन्द्र ने आशा देवी को बहुत ही कम वोटों के अंतर से चुनाव हारया था.
पिता तीन बार रह चुके हैं बिहार सरकार में गृह मंत्री
बीजेपी प्रत्याशी राघवेन्द्र प्रताप सिंह मूल रूप से भोजपुर जिले के धमार गांव के रहने वाले हैं. राघवेन्द्र प्रताप सिंह के पिता अम्बिका शरण सिंह थे, जो बिहार सरकार में तीन बार गृह मंत्री भी रह चुके हैं. राघवेन्द्र प्रताप सिंह की प्रारंभिक शिक्षा धमार गांव के समीप गांव के ही हाई स्कूल से हुई थी, जिसके बाद पटना साइंस कॉलेज से उन्होंने इंटर की पढ़ाई पूरी की. पिता कि मृत्यु के बाद राघवेन्द्र प्रताप सिंह आरा आ गए थे और यहीं से उनके राजनैतिक सफर की शुरुआत हुई.
इस बार इन उम्मीदवारों के बीच है मुकाबला
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बडहरा विधानसभा सीट से मुकाबला दिलचस्प होगा. जहां राघवेन्द्र प्रताप अपने इस पुराने सीट पर झंड़ा फहराने के लिए आतुर हैं, तो वहीं राजद ने सरोज यादव को उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है. इधर, बीजेपी से टिकट न मिलने से नाराज निर्दलीय प्रत्याशी आशा देवी भी चुनावी में राघवेन्द्र प्रताप सिंह को चुनौती दे रही हैं.
यह भी पढ़ें-