पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा की जा चुकी है. 225 सीट लेकर एनडीए ने फिर एक बार राज्य में सरकार बनाई है. चुनाव परिणाम आने के साथ ही विधानसभा की नई तस्वीर सामने आईं है. निर्वाचित विधायकों के शपथ पत्रों के विश्लेषण के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और इलेक्शन वॉच ने यह तस्वीर सामने रखी है. रिपोर्ट के अनुसार नए विधानसभा में बाहुबलियों की संख्या बढ़ी है, जबकि महिला विधायकों की संख्या पिछले की तुलना कम हुई है. विधानसभा में इस बार करोड़पति चेहरे भी पिछली बार की अपेक्षा ज्यादा दिखेंगे.


रिपोर्ट के अनुसार विधानसभा की आधी से ज्यादा सीटों पर ऐसे विधायक बैठेंगे, जिन पर संगीन आरोप के मामले दर्ज हैं. 2015 में यह आंकड़ा 40 फीसद था. इस बार 163 वैसे प्रतिनिधियों ने जीत दर्ज की है, जिन पर किसी न किसी मामले में प्राथमिकी दर्ज है. इनमें 123 पर गंभीर आरोप हैं. यह संख्या विधानसभा के कुल विधायकों के सापेक्ष 51 फीसद होगी. ऐसे प्रतिनिधियों को विधानसभा तक पहुंचाने में कमोबेश सभी राजनीतिक दलों की अहम भूमिका है.


आंकड़ों को देखें तो राजद के 74 में से 44 (60 प्रतिशत), भाजपा के 73 में से 35 (48 प्रतिशत), जदयू के 43 में से 11 (26 प्रतिशत), कांग्रेस के 19 में 11 (58 प्रतिशत) और भाकपा माले के 12 में से आठ (67 प्रतिशत) विधायकों पर भी गंभीर मामले दर्ज हैं. जीते हुए जनप्रतिनिधियों में 19 वैसे हैं, जिन पर हत्या के आरोप लगे हुए हैं. 31 पर हत्या के प्रयास और आठ पर महिला उत्पीड़न के आरोप हैं. ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम, सीपीआइएम और बीएसपी से जीतने वाले सभी उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर मामले दर्ज होने की जानकारी नामांकन के शपथ पत्र में दी है.


वहीं, अगर इस बार के विधानसभा में महिला विधायकों की बात करें तो इस बार 2015 की तुलना 2 की कमी आयी है. पिछले विधानसभा में 28 महिलाएं विधानसभा पहुंची थीं. इस बार यह संख्या 26 हो गई. विधानसभा में इस बार करोड़पतियों की संख्या भी 2015 से अधिक दिखेगी. पिछली बार 67 फीसद विधायक करोड़पति थे तो इस बार यह ग्राफ 81 फीसद पर पहुंच गया है.


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