Bihar Election Result: संजय राउत ने तेजस्वी को बताया 'मैन ऑफ द मैच', NDA सरकार की स्थिरता पर जताया संदेह
संजय राउत ने कहा कि कोई भी नई सरकार की स्थिरता की गारंटी नहीं दे सकता है. मैंने सुना है कि बीजेपी नीतीश कुमार के कद को कम करना चाहती थी, इसलिए उसने चिराग पासवान को उनके खिलाफ खड़ा किया.
मुंबई: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने भले ही जीत हासिल की हो लेकिन हर तरफ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की चर्चा हो रही है. इसी क्रम में शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए कहा कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में "मैन ऑफ द मैच" बनकर उभरे हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में "महत्त्वपूर्ण भूमिका" निभाएंगे.
मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बिहार में अगली एमडीए सरकार की स्थिरता पर संदेह जताते हुए कहा कि बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए ने 125 सीटें जीती हैं, जबकि विपक्षी महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं. राज्य विधानसभा में साधारण बहुमत के लिये 122 सीटों की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘बहुमत बहुत मामूली है और कुछ भी हो सकता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू तीसरे स्थान पर रही और अगर कोई जीत का जश्न मना रहा है, तो यह एक मजाक है. बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसके लिए उसे काफी रणनीति बनानी पड़ी.’’ राउत ने कहा, "चिराग पासवान की लोजपा ने जेडीयू के 20 उम्मीदवारों की हार सुनिश्चित की और पासवान अभी भी एनडीए में हैं. यह एक गंभीर मुद्दा है."
उन्होंने कहा, "कोई भी नई सरकार की स्थिरता की गारंटी नहीं दे सकता है. मैंने सुना है कि बीजेपी नीतीश कुमार के कद को कम करना चाहती थी, इसलिए उसने चिराग पासवान को उनके खिलाफ खड़ा किया.’’ राउत ने कहा कि भले ही तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बन पाए, लेकिन वह ‘मैन ऑफ द मैच’ बनकर उभरे हैं.
उन्होंने कहा, "बिहार विधानसभा चुनाव 2020 ने तेजस्वी जैसा एक बड़ा चेहरा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी नेताओं को तेजस्वी को मुकाबले को कड़ा बनाने के लिए बधाई देनी चाहिए. अगले लोकसभा चुनाव में तेजस्वी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी." राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अलावा देवेन्द्र फडणवीस को भी बिहार में बीजेपी की सफलता का श्रेय दिया जाना चाहिए क्योंकि वह पार्टी के चुनाव प्रभारी थे.
उन्होंने कहा, "अगर भाजपा नीतीश को राज्य का मुख्यमंत्री बनाए रखने के वादे को बरकरार रखती है, तो उन्हें इसका श्रेय शिवसेना को देना चाहिए. महाराष्ट्र में सभी ने देखा है कि जब वादा-खिलाफी की जाती है, तो क्या होता है." गौरतलब है कि भाजपा और शिवसेना 2019 का राज्य विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ी थी. हालांकि, मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर उनका गठबंधन टूट गया. शिवसेना ने तब सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिला लिया.
इस बीच, महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने भी आरजेडी के बिहार में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद तेजस्वी यादव की प्रशंसा की. सत्तारूढ़ एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख पाटिल ने कहा कि यादव की लड़ाई "प्रशंसनीय" है और उन्होंने चुनाव में जेडीयू-बीजेपी के पसीने छुड़ा दिए.
पाटिल ने ट्वीट किया, ‘‘हालांकि, बिहार चुनाव का परिणाम अलग है (आरजेडी के पक्ष में नहीं), लेकिन तेजस्वी यादव द्वारा लड़ी गई लड़ाई प्रशंसनीय है. सत्तारूढ़ दलों को अंतिम क्षण तक पसीना बहाना पड़ा और इसमें उनकी जीत है. युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. बधाई! बहुत अच्छे तेजस्वी यादव.’’
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