नई दिल्लीः बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए तीन चरणों 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को मतदान का कार्य किया गया था. अब सभी की नजरें बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों पर टिकी हुईं हैं. मतदान पेटियों में उम्मीदवारों का भविष्य कैद है. जिसकी गणना आज सुबह 8 बजे से शुरू होगी. वहीं कोरोना वायरस संक्रमण के कारण चुनाव के परिणाम आने में देरी हो सकती है. जिसके लिए प्रदेश में मतगणना केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है.


बिहार में हुए 243 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के मतगणना के लिए 38 जिलों में 55 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं. इन 55 मतगणना केंद्रों में 414 हॉल बनाए गए हैं. सभी केंद्रों पर सुबह 8 बजे से मतगणना का काम शुरु होगा. सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे. इसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती होगी. बीते 15 सालों से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कायम हैं. आज तस्वीर साफ हो जाएगी कि बिहार में कौन बाजी मारेगा?


चुनाव आयोग ने मतगणना सुचारू रूप से कराने के लिये पुख्ता प्रबंध किया है और इस बात का ध्यान रखा है कि मतों की गिनती की प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं आए. मुख्य निर्वाचन अधिकारी एच आर श्रीनिवास ने बताया कि मतदान होने के बाद जिन कक्षों (स्ट्रांग रूम) में ईवीएम मशीनों को रखा गया है, वहां पर केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों को तैनात किया गया है. डाक मतपत्रों की गिनती के बाद इसे खोला जाएगा.


बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए वैशाली जिले के राघोपुर सीट पर सभी निगाहें लगी हुई हैं, जहां से तेजस्वी यादव चुनावी मैदान में हैं. वहीं नीतीश कुमार बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा है. राघोपुर सीट पर पूर्व में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.


दूसरे प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वीआईपी के नेता मकुश सहनी, खेल से राजनीति में आई श्रेयसी सिंह, प्लूरल्स पार्टी की नेता पुष्पम प्रिया चौधरी आदि शामिल हैं. वहीं तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने समस्तीपुर जिले के हसनपुर सीट से चुनाव लड़ा है.


इसे भी पढ़ेंः
COVID 19: दिल्ली में आए 5023 नए मामले, 24 घंटे में हुई 71 लोगों की मौत


अब पंजाब में CBI को नए केस की जांच के लिए पहले राज्य सरकार से लेनी होगी इजाजत