Bihar Election Results: चिराग पासवान की सफाई- मैंने बीजेपी को नहीं, लेकिन जेडीयू को जरूर पहुंचाया नुकसान
चिराग पासवान ने अपनी हार की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए कहा कि अकेले लड़ने की जो ताकत LJP ने दिखाई, मजबूती से लड़ा और जो मत प्रतिशत हमे मिला उसने हमारे मनोबल को बढ़ाया है. हमने तो बिहार में नई ताकत पाई है.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान मीडिया से मुखातिब हुए और अपने ऊपर लग रहे अटकलों पर लगाया विराम. चिराग पासवान ने अपनी हार की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए कहा कि अकेले लड़ने की जो ताकत LJP ने दिखाई, मजबूती से लड़ा और जो मत प्रतिशत हमे मिला उसने हमारे मनोबल को बढ़ाया है. हमने तो बिहार में नई ताकत पाई है, हमारा संगठन पूरे बिहार में मजबूत हुआ है.
चिराग पासवान ने कही ये बातें
एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने कहा कि बिहार की जनता ने ही यह स्पष्ट कर दिया है कि कि अपार बहुमत हमारे पीएम नरेंद्र मोदी साथ हैं.बीजेपी का मजबूत होना बिहार के लिए जरूरी है. जहां तक एलजेपी का सवाल है तो अकेले लड़ने की जो ताकत एलजेपी ने दिखाई, मजबूती से लड़े और जो मत प्रतिशत हमे मिला उसने हमारे मनोबल को बढ़ाया है. चिराग ने हार पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि हमने कुछ नही खोया,150 सीटों पर हमारा संगठन मजबूत हुआ और 2025 की राह अब हमारे लिए आसान होगी. इस बार भी कई सीटें ऐसी भी हैं, जहां हमारे प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे हैं. यह नया जनाधार है जो पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मिला है. चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान की मौत का हवाला देते हुए कहा कि जितना मेहनत मुझसे हो पाया है, उतना मैंने किया है. इस बार का चुनाव पार्टी ने विपरीत परिस्थिति और सीमित संसाधन में लड़ी. लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने एक मजबूत जनाधार तैयार किया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चिराग ने कही ये बातें
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दुबारा जीत पर चिराग ने कहा कि मेरा लक्ष्य ये जरूर था कि ये दुबारा बिहार के सीएम नीतीश कुमार न बने.लेकिन जो जनादेश सामने आया उसका एलजेपी सम्मान करती है. सीएम कौन बनेगा उसमे हमारी भूमिका नही है.जो मैनडेट आया है उसमें उन्हें तय करना है कि सीएम कौन बने. बिहार चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी इस बार एनडीए का हिस्सा नहीं थी और एलजेपी को इस चुनाव में बड़ी शिकस्त मिली है. उसके मात्र एक प्रत्याशी को सदन तक पहुंचने में कामयावी मिली है.