Bihar Election Results: बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजों के रुझान सामने आ गए है. अबतक के आंकड़ों के मुताबिक नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को बढ़त मिलती दिख रही है. वहीं तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन पिछड़ता नजर आ रहा है. पुष्पम प्रिया चौधरी समेत कई ऐसी उम्मीदवार भी हैं जो वोटिंग से पहले तो बड़े-बड़े दावे कर रहे थे लेकिन नतीजों में उनकी हालत खराब होती दिख रही है. ऐसे में हम यहां आपको बता रहे हैं कि चुनाव में उम्मीदवारों की जमानत कैसे जब्त हो जाती है और ये है क्या चीज.


इतनी होती है जमानत राशि


जमानत जब्त कैसे होती है ये समझने से पहले हमें ये जानना जरूरी है कि जमानत राशि क्या होती है. आपको बता दें कि चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते वक्त उम्मीदवारों को एक तय राशि चुनाव अधिकारी के समक्ष जमा करनी होती है. विधानसभा चुनाव के लिए यह राशि 10 हजार रुपये है. इसी के साथ अगर कैंडिडेट एससी या एसटी समुदाय से होते हैं तो उन्हें आधी राशि ही जमा करनी होती है.


ऐसे हो जाती है उम्मीदवारों की जमानत जब्त


अब यहां बता दें कि किसी भी विधानसभा या लोकसभा सीट पर जितने भी वोट डाले गए हैं उसका छठा भाग उम्मीदवारों के लिए लाना जरूरी होता है. अगर कोई कैंडिडेट इतने वोट नहीं ला पाते हैं तो उनकी जमानत जब्त हो जाती है जिसका मतलब है कि उम्मीदवारों ने जो पर्चा भरते वक्त राशि चुनाव अधिकारी के समक्ष जमा कराई थी वो अब उन्हें वापस नहीं मिलेगी. वहीं, जो कैंडिडेट कुल डाले गए वोट का छठा भाग हासिल करने में सफल होते हैं तो उन्हें जमानत की राशि लौटा दी जाती है.


इसे हम ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर किसी विधानसभा सीट पर 50 हजार वोटर हैं तो वहां किसी कैंडिडेट को जमानत बचाने के लिए 8,333 से अधिक वोट लाने होंगे.


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