नई दिल्लीः बिहार चुनाव में अपने प्रदर्शन के बल पर बीजेपी करीब दो दशक के बाद राजग (एनडीए) में जेडीयू को पीछे छोड़ बड़ी सहयोगी पार्टी बनी है. ऐसा लगता है कि बीजेपी राज्य में अंतत: अपने सहयोगियों की परछाई से बाहर निकल पाई है लेकिन गठबंधन के नए गणित को देखें तो 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले एनडीए का मत प्रतिशत घटा है.


लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (लोजपा समेत) को बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 सीटें मिली थी. इसके साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 53 फीसदी से अधिक मत हासिल किये थे.


इस बार बिहार के विधानसभा चुनावों में लोजपा अकेले चुनावी मैदान में उतरी तथा उसे छह फीसदी से भी कम मत मिले. हालांकि अब हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) एनडीए का हिस्सा बन गए.


एनडीए को 40 तो महागठबंधन को 37 फीसदी मिले
निर्वाचन आयोग के ताजे आंकड़ों के मुताबिक एनडीए (बीजेपी, जदयू, हम और वीआईपी) का सम्मिलित मत प्रतिशत 40 फीसद से कम है. वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन को करीब 37 फीसदी मत मिले.


लोकसभा चुनाव में जेडीयू का मत प्रतिशत 21.81 था जबकि विधानसभा चुनाव में महज 15 फीसदी रहा. बीजेपी का मत प्रतिशत आम चुनाव में 23.58 फीसदी था और विधानसभा चुनाव में करीब 20 फीसदी रहा.


गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों के नतीजे जारी कर दिए हैं. फाइनल आंकड़े के मुताबिक बिहार में एक बार नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है.


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