आज में बिहार में तीन चरणों में हुए विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है. ऐसे में कई दिग्गजों का भविष्य जनता के तय किए गए पिटारे में बंद है. वहीं बिहार में बीते 15 सालों से नीतीश कुमार सत्ता की कुर्सी पर काबिज हैं. राजनीति के माहिर खिलाड़ी रहे RJD प्रमुख लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने इस विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता को 10 लाख नौकरी देने का वादा किया है. इसके साथ ही इस बार वह जनता की पहली पसंद बनकर उभर रहे हैं.


बिहार की जनता लंबे समय से रोजगार के मुद्दे पर मार खाती रही है. शायद यहीं कारण है कि देश के कोने कोने में बिहार के लोग रोजगार की तलाश में जाते रहे हैं. वहीं कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन के कारण बिहार के लोगों को सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. इस विधानसभा चुनाव में तेजस्वी को बेरोजगारी को मुद्दा बनाते हुए 10 लाख नौकरियां देने का ऐलान किया है. ऐसे में बिहार में एक बदलाव की उम्मीद की जा रही है.


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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिये सभी निगाहें वैशाली जिले के राघोपुर सीट पर लगी हुई हैं, जहां से तेजस्वी यादव चुनावी मैदान में हैं. इससे पहले राघोपुर सीट का प्रतिनिधित्व RJD प्रमुख लालू प्रसाद और राबड़ी देवी कर चुकी हैं. तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने समस्तीपुर जिले के हसनपुर सीट से चुनाव लड़ा है. वहीं नीतीश कुमार बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा है.


बिहार में हुए 243 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के मतगणना के लिए 38 जिलों में 55 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं. इन 55 मतगणना केंद्रों में 414 हॉल बनाए गए हैं. सभी केंद्रों पर सुबह 8 बजे से मतगणना का काम शुरु होगा. सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे. इसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती होगी. बीते 15 सालों से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कायम हैं. आज तस्वीर साफ हो जाएगी कि बिहार में कौन बाजी मारेगा?


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