पटना : बिहार विधानसभा के मद्देनजर आरजेडी के सांसद और मुख्य प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने चुनाव आयोग को सौंपा ज्ञापन. मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिए गए इस ज्ञापन में आरजेडी ने चुनाव आयोग से बदलाव की अनुशंसा की है और लिखा है कि चुनाव में सत्ताधारी दलों से वोट में हेर फेर का आरजेडी को  डर है इसलिए पद्धति में बदलाव की जाए.




चुनाव आयोग को आरजेडी ने सौंपा ज्ञापन किया निवेदन




चुनाव आयोग को दिए गए इस ज्ञापन  में आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा ने लिखा है 80 वर्ष से अधिक उम्र के और कोरोना पिड़ित मतदाताओं के लिए जो बैलेट पेपर की व्यवस्था की जाए, उसमें आरजेडी को अंदेशा है कि सत्ताधारी दल धांधली कर सकता है, इसलिए आरजेडी मांग करती है कि विधानसभा वार ऐसे उम्मीदवारों की सूची सभी राजनैतिक दलों को उपलब्ध कराई जाए ताकि दल के पोलिंग एजेंट इस प्रक्रिया में सहभागी हो सके साथ ही चुनाव आयोग से यह भी आग्रह किया है कि मतदान के पश्चात प्रति बूथ मतदान की संख्या के सत्यापित कॉपी बूथ एजेंट को उपलब्ध कराए जाएं. बीते वर्ष के अनुभव के आधार पर यह आवश्यक है कि मत गणना के बाद ईवीएम में पड़े वोट और पोलिंग बूथ के मत का मिलान किया जा सके किसी भी विसंगति की स्थिति में पोलिंग बूथ के सत्यापित मतों को ही प्रमाणित माना जाए चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का संरक्षक हैं इसलिए इन तमाम पहलुओं पर बदलाव किया जाए.



आरजेडी के ज्ञापन पर विपक्ष ने कसा तंज



आरजेडी के इस ज्ञापन पर तंज कसते हुए हुए जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि चुनाव आयोग के पास कोई भी दल अपनी किसी भी तरह की समस्या के लिए ज्ञापन दे सकता है. लेकिन राजद ने जो आरोप लगाया है यह अनावश्यक है. ऐसे आरोप लगाकर वह अपनी हीं छवि धूमिल कर रहे हैं. जो उनके समय में होता आया था उसी बात को वह दूहराना चाहते हैं जबकि उनको ज्ञात होना चाहिए कि बिहार बदल चुका है. 15 सालों में इस तरह की धूमिल छवि को बिहार पूरी तरह मिटा चुका है तो क्या 15 साल पहले की बिहार की चुनाव की वह बात कर रहे हैं ये.