पटना: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच पोस्टर वॉर की शुरुआत हो चुकी है. दरअसल, मामला यह है कि राजधानी के चौक-चौराहों पर आरजेडी के चुनावी पोस्टरों पर सिर्फ और सिर्फ तेजस्वी यादव की फोटो छपी दिख रही है. पोस्टर में आरेजडी के तमाम बड़े नेताओं की तस्वीर किसी भी कोने में नहीं दिख रही. यहां तक की होर्डिंग से आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की भी तस्वीर नदारद है.


सत्ता पक्ष ने आरजेडी पर साधा निशाना


अब इस बात को सत्ता पक्ष एनडीए ने अपने पाले में लेते हुए विपक्ष को घेरना शुरू कर दिया है. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, " आरजेडी परिवार और परिवार की पॉकेट की पार्टी है. लालू की तस्वीर पोस्टर में रहे या न रहे सारे निर्णय लालू जेल में रहकर या जेल से बाहर रहकर ही लेते हैं."


आरजेडी का सारा निर्णय परिवार करता है


निखिल आनंद ने कहा, " जिस तरह से रघुवंश बाबू ने कहा था कि आरजेडी के पोस्टर में सामाजिक पुरोधा की तस्वीरें नजर नहीं आती सिर्फ परिवार की तस्वीर नजर आती है, अब परिवार की तस्वीर पोस्टर में रहे सेफ्टी वॉल्व के लिए रहे या ना रहे कोई फर्क नही पड़ता. आरजेडी का सारा निर्णय परिवार ही करता है."


आरजेडी हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं


उन्होंने कहा, " पार्टी की अपनी कोई विचारधारा नहीं है, आरजेडी सिर्फ एक दुकान है जो परिवार को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए अपनी राजनीति कर रही है. हम जंगल राज या आरजेडी के किसी भी चीज को मुद्दा नहीं बना रहे. हमारे लिए आरजेडी कोई मुद्दा ही नहीं है. हमने विकास को मुद्दा बनाया है."


हम विकास के मुद्दे पर लड़ना चाहते हैं चुनाव


वहीं, मुख्य सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, " हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने के हिमायती हैं. नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कार्यकाल में जो बिहार के जीडीपी ग्रोथ रेट का पैमाना है और जिस तरह राज्य में सड़कें, बिजली, सिंचाई और कानून व्यवस्था को लेकर शानदार कामयाबी हमने हासिल की है, हम उस पर चुनाव लड़ना चाहते हैं."


आरजेडी को आईना दिखाना बेहद जरूरी


उन्होंने कहा, " कहीं ना कहीं आरजेडी और तेजस्वी यादव द्वारा जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. उनको आईना दिखाना बेहद जरूरी है. ये उनपर निर्भर करता है कि वो किस तरीके से चुनाव लड़ना चाहते हैं. अगर वो हमारे शासनकाल के उपलब्धि को नकारेंगे तो निसंदेह हमें ये बताना पड़ेगा कि आपने जो बिहार की दुर्दशा की और आपके पूर्वती सरकारों ने बिहार का जितना बड़ा नुकसान किया शायद नीतीश कुमार के नेतृत्व में ये 15 वर्ष का शासन काल नहीं होता तो बिहार गुमनामी के अंधेरे में चला गया होता और वहां से उबर पाना इतना आसान नहीं होता."


लोगों ने महसूस किया है फर्क


उन्होंने कहा, " यह आरजेडी पर निर्भर करता है कि वो एक सकारात्मक एजेंडे पर बात करना चाहती है या केवल हमारी शासन को विफल बताने की कोशिश करते हैं. हमें यकीन है कि 15 वर्षो के पहले और 15 वर्षो के बाद जो बिहार में फर्क है वो लोगों ने महसूस किया है और इन 15 वर्षो में एक पॉजिटिव एजेंडे पर बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमने काम किया है."


लालू यादव और राबड़ी देवी लोगों के दिल में


इधर, जवाबी हमले में आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, " ये तो हमारे भावी मुख्यमंत्री का चेहरा है, जो लड़ाई लड़ रहे हैं और आमने-सामने को तैयार हैं. लालू यादव और राबड़ी देवी पोस्टर से गायब नहीं, ये उन्हीं की पार्टी है. लालू यादव एक विचारधारा हैं उस विचारधारा को पार्टी कभी नहीं भूल सकती. लालू यादव और राबड़ी देवी जी का तस्वीर तेजस्वी यादव और बिहार के 12 करोड़ जनता के दिलों में है, इसलिए तस्वीर नहीं लगाने का सवाल ही नहीं उठता."