पटना: बिहार की सत्ता में पिछले 15 सालों से अस्तित्व जमाए जेडीयू के लिए बिहार विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण सबसे अहम है कल होने वाले मतदान का यह चरण जेडीयू के लिए एनडीए गठबंधन के तहत सबसे अधिक उम्मीदवार उतारने और सबसे ज्यादा संख्या में अपने पास की सीटिंग सीट बचाने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है.



दूसरे चरण में सबसे अधिक प्रत्याशी



दरअसल विधान सभा चुनाव में एनडीए के गठबंधन के तहत जेडीयू को 115 सीटें मिली थीं जिनमें से पहले चरण में पार्टी ने अपने 35 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था, वहीं दूसरे चरण में पार्टी ने सबसे अधिक 43 प्रत्याशियों को उतारा है बाकी बचे 37 प्रत्याशियों को पार्टी ने तीसरे चरण में उतारा हैं इस चरण की एक और खास बात ये है कि इस चरण में कई दिग्गज नेताओं की अगली पीढ़ी मैदान में है तो वहीं बड़ी संख्या में नए प्रत्याशियों पर भी जेडीयू ने भरोसा जताया है.



वो प्रत्याशी जिन पर जेडीयू ने दांव खेला है



कल होने वाले दूसरे चरण के चुनाव में जेडीयू के दो मंत्रियों की साख पर दांव लगी है जिनमें हथुआ से मंत्री रामसेवक सिंह तो नालंदा से मंत्री श्रवण कुमार हैं इनके अलाने पार्टी ने जिन नये चेहरों पर भरोसा किया है उनमें हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण के बेटे कौशल किशोर,पूर्व केंद्रीय मंत्री अशफाक करीम के बेटे फराज फातमी भी मैदान में है जेडीयू में दूसरे चरण में 43 सीटों से जिन 19 प्रत्याशियों को चुनावी अखाड़े में उतारा है उनमें केसरिया के पूर्व सांसद कमला मिश्र की बेटी शालिनी मिश्र, रुनीसैदपुर से पंकज मिश्रा,फुलपरास से शीला मंडल,बेनीपुर से अजय चौधरी,मीनापुर से मनोज कुमार,कांटी से मो. जमाल, भोरे से सुनील कुमार,जीरादेई से कमल कुशवाहा, रघुनाथपुर से राजेश्वर चौहान,एकमा से धूमल सिंह की पत्नी सीता देवी,मांझी से माधवी सिंह,मढ़ौरा से अफ्ताक राजू, वैशाली से सिद्धार्थ पटेल,राजापाकड़ से महेंद्र राम, साहेबपुर कमाल शशिकांत कुमार, अलौली से साधना सदा,परबत्ता से डॉ संजीव कुमार सिंह, राजगीर से कौशल किशोर और हिलसा से कृष्ण मुरारी शरण पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
इसके साथ हीं साथ कई बागी भी दूसरे चरण में मैदान में है इसमें बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मनजीत सिंह और तरैया के शैलेंद्र प्रताप शामिल है यह दोनों सीट बीजेपी के कोटे में चली गई इसलिए जदयू से बगावत कर इन दोनों को निर्दलीय मैदान में उतारना पड़ा.



सीटिंग सीटों को बचाना एक बड़ी चुनौती



विधान सभा चुनाव 2015 में जेडीयू आरजेडी के साथ थी और उस समय वैसी 30 सीटों पर जीत पाई थी जिन पर दूसरे चरण के तहत कल चुनाव होना है जेडीयू के लिए इन सीटिंग सीटों को बचाना एक बड़ी चुनौती है. सीटिंग सीटों में शिवहर, जीरादेई, बेलसंड, हायाघाट, फुलपरास, कुशेश्वर स्थान, बेनीपुर, कुचायकोट, हथुआ, मढौरा, चेरिया बरियारपुर, जीरादेई, महाराजगंज, एकमा, वैशाली, महनार, विभूतिपुर, हसनपुर, तेघड़ा, मटिहानी, नाथनगर, अस्थांवा, राजगीर, नालंदा, हरनौत, इस्लामपुर और फुलवारीशरीफ शामिल है.