पटना: बिहार में दलित वोट की पॉलिटिक्स अपने चरम पर है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार 7 सितंबर को वर्चुवल रैली करने वाले हैं. ठीक उसी दिन एनडीए के घटक दल एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी बिहार संसदीय दल की बैठक बुलाई है. चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है.


एलजेपी-जेडीयू में बढ़ी तल्खी


दोनों के बीच कोई राजनीतिक बात नहीं हो रही है. सीट बंटवारे पर कोई बात नहीं हो रही है. दोनों दलों के बीच तल्खी इतनी बढ़ चुकी है कि कोई बीच बचाव भी नहीं कर रहा. चिराग पासवान ने कहा कि उनका गठबंधन बीजेपी से है. इस पर जेडीयू ने शुरुआती दौर में प्रतिक्रिया भी दी थी. लेकिन अब जेडीयू का कोई प्रवक्ता बयान नहीं दे रहा.


जेडीयू ने निकाला चिराग पासवान का काट


जेडीयू ने चिराग के मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है. लेकिन अंदर ही अंदर चिराग का काट भी निकाला जा रहा था. नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से नजदीकियां बढ़ा रहे थे. आज मांझी ने एनडीए में शामिल होने का ऐलान कर दिया. साथ ही कहा कि उनका गठबंधन जेडीयू से है. ज़ाहिर है कि जिस तरह चिराग बीजेपी के कंधे पर बंदूक रखकर नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे थे. उसी तरह नीतीश ने भी एक बड़े दलित चेहरे को सामने रखकर जवाब दे दिया.


चिराग पासवान कर सकते हैं बड़ा फैसला


खबर यह भी है कि चिराग पासवान 7 सितंबर को बड़ा फैसला ले सकते हैं. फैसला इस संबंध में कि बिहार विधानसभा चुनाव में जहां से जेडीयू के उम्मीदवार होंगे, वहां उन उम्मीदवारों के खिलाफ एलजेपी अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी. वहीं बीजेपी के साथ तालमेल बैठाए रखेगी. लेकिन क्या बीजेपी ऐसे चुनाव लड़ना चाहेगी? यह बड़ा सवाल है.


अभी तक नहीं दिया कोई रिएक्शन


एलजेपी ने ट्वीट कर लिखा कि बिहार संसदीय दल की बैठक दिल्ली में दोपहर 2 बजे बुलाई गई है. इस बैठक में चिराग पासवान भी होंगे. वहीं मांझी के एनडीए में शामिल होने के ऐलान पर अभी तक सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कोई बयान नहीं दिया है. जाहिर है दलित चेहरे को लेकर आने वाले दिनों में और भी सियासी ड्रामा देखने को मिलेंगे.