पटना: चुनावी सरगर्मी के बीच सूबे में वार-पलटवार का दौर जारी है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता लगातार मौका तलाश कर एक-दूसरे की फजीहत कर रहे हैं. इसी क्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि आरजेडी वोट ठगने का ‘केजरीवाल-फॉर्मूला’ अपना रही है और अगर इनकी सरकार आई तो बिहार में फिर से अपहरण-फिरौती उद्योग चलेगा, महिलाएं घर से निकलने में डरेंगी और युवा पलायन करने लगेंगे.


वोट हथियाने के लिए जाल बुनने की चिंता


उन्होंने ट्वीट कर कहा, " लालू-राबड़ी सरकार को युवाओं को नौकरी दिलाने की नहीं, केवल गरीबों का वोट हथियाने का जाल बुनने की चिंता की. चरवाहा विद्यालय खुलवाना उनका राजनीतिक स्टंट था, रोजगार देने वाली शिक्षा से उसका कोई वास्ता नहीं था." वहीं उपमुख्यमंत्री ने आरजेडी पर नौकरी से लेकर हर काम के पैसे लेने या जमीन अपने नाम लिखवाने का आरोप लगाया.


सरकार आने पर बढ़ाएंगे अपराधियों का दुस्साहस


उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जो आज पहली मंत्रिमंडल बैठक में 10 लाख लोगों को नौकरी देने का झूठा वादा कर रहे हैं, वे पहली कैबिनेट बैठक में ही हत्या, सामूहिक बलात्कार, अपहरण जैसे सैकड़ों संगीन मामलों में मुकदमे वापस लेकर अपराधियों का दुस्साहस बढ़ाने वाले हैं. ऐसे में बिहार में फिर से अपहरण-फिरौती उद्योग चलेगा, शाम ढलते बाजार में सन्नाटा फैल जाएगा.


राबड़ी देवी ने किया पलटवार


इधर, उपमुख्यमंत्री के ट्वीट के पलटवार करते हुए बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा कि 15 साल से क्या कर रहे थे? 15 साल बाद नीतीश जी और सुशील जी को महसूस हुआ कि बिहार में बेरोजगारी है.


तेजस्वी यादव ने की थी यह घोषणा


मालूम हो कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हाल ही में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार पर हमला किया था और कहा था कि विभिन्न विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हजार नियुक्तियों की आवश्यकता है. ऐसे में उनकी सरकार बनने पर पहली मंत्रिमंडल बैठक में बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी. उनके इस बयान पर अभी भी सियासत जारी है.