पटना: चुनावी सरगर्मी के बीच सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की , जिसमें उन्होंने उनके अनुभव पर सवाल उठाने वालों की बोलती बंद कर दी. उन्होंने कहा कि मान लेते हैं मैं अनुभवी नहीं हूं, लेकिन नीतीश कुमार जी जो 1995 में एमएलए बनें और 1990 में मंत्री बन गए उनके पास कौन सा अनुभव था?
तेजस्वी ने कहा, " इन 5 सालों मैं डिप्टी सीएम भी रहा और नेता प्रतिपक्ष भी. अगर अनुभव नहीं है तो बीजेपी के 20-20 हेलीकॉप्टर मेरे पीछे क्यूं लगी है? आपन जो सवाल पूछा है उसके लिए थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा. किसी भी किताब को उसके कवर से जज नहीं किया जाना चाहिए."
वहीं, उनके माता पिता के शासनकाल को जंगल राज कहे जाने ऊए उन्होंने कहा, " वो कहते हैं कि जंगल राज था. साथ ही यह भी कहते हैं कि मैं नौंवी पास हूँ. तो जंगल राज ही था तो मैं क्या मैं अपनी पसंद की डिग्री लिए नहीं बैठा रहता? लेकिन मैं ईमानदार था और ईमानदारी से जो क्वालिफिकेशन था उसे मैंने सबके सामने रखा. मेरी रूचि क्रिकेट में थी और वही मेरा बैकग्राउंड रहा है. लेकिन यह सोचने वाली बात है, जिसके माता-पिता दोनों मुख्यमंत्री थे और जंगल राज भी था तो मैं जो चाहता वो डिग्री ले सकता था."
जनसभाओं में अपने माता-पिता के शासनकाल के लिए माफी मांगने के संबंध में उन्होंने कहा कि कोई गवर्नमेंट परफेक्ट नहीं होता, सभी से भूल-चूक होती है. यह तो जेस्चर है, एक अच्छी परंपरा है कि आपने जिसके लिए काम किया, अगर उसमें कुछ गलती हो गई तो आपने माफी मांग ली. इसलिए अगर भूल चूक हुई है तो मैंने माफी मांग ली और अब हम आगे अच्छा काम करेंगे. उस वक़्त तो मैं था भी नहीं."
वहीं, जब उनसे यह पूछा गया कि जेडीयू-बीजेपी लगातार उनको इसी बात पर घेर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि घेरने से घेरा रहे हैं क्या? पलायन पर बात क्यों नहीं होती है? बेरोजगारी पर बात क्यों नहीं होती है? नीतीश कुमार बताएं उनके साशनकाल में 60 घोटाले कैसे हुए?
तेजस्वी ने कहा कि मुझे मेरे 18 महीने के डिप्टी सीएम के कार्यकाल के अनुसार जज कीजिये 2015 के बाद के 18 माहीने का आंकड़ा निकाल लीजिए NCRB का और उसके बाद का निकाल लोजिये जब बीजेपी चोर दरवाजे से सत्ता में आ गयी. मेरे जाने के बाद सृजन घोटाला हुआ, मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड हुआ.