पटना: चुनावी सरगर्मी के बीच शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सूबे के मुखिया नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि नीतीश जी थक चुके हैं, अब वो बिहार नहीं संभाल पा रहे हैं. वो हमेशा कह रहे हैं कि हमने कोशिश की है लेकिन नौकरियां नहीं दी जा सकती हैं, कारखाने नहीं खोले जा रहे हैं. वो मुद्दे से भटक रहे हैं.


तेजस्वी ने कहा कि लॉकडाउन में जब लोग घर आ रहे थे तो उनके उपमुख्यमंत्री कहते थे कि संसाधन ही नहीं है. नीतीश जी कहते हैं कि लैंडलॉक स्टेट के चलते बिहार में कारखाने नहीं लगाये जा सकते हैं. उनका कहना है कि समुद्री इलाकों में कारखाने लगते हैं. असलियत में नीतीश जी की डबल इंजन फेल हो चुकी है. आज किसी भी ब्लॉक या थाने में बिना घूस के कोई काम नहीं होता है.


तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर उनकी सरकार आती है तो वे अपने वादे के मुताबिक बिहार के नौजवानों को रोजगार देंगे, नियोजित शिक्षकों की मांग को मानेंगे. वृद्धा पेंशन को बढ़ाकर एक हजार रुपये करेंगे.


दरअसल, बिहार में उद्योग क्यों नहीं लग पा रहे हैं, इस पर नीतीश कुमार ने हाल में कहा था, ‘‘ज्यादा बड़ा उद्योग वहां लगता है जो राज्य समुद्र के किनारे पड़ते हैं. हम लोगों ने तो बहुत कोशिश की, लेकिन वे नहीं आए." उनके इस बयान के बाद सियासत तेज हो गयी है.


इधर, सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि देश की ऐसी कौन सी एजेंसी है जो मेरे संपत्ति की जांच नहीं कर रही है? वह समय तय करेगा मैं गलत हूं या सही. इन लोगों के पास कोई मुद्दा नहीं है और यही कारण है कि जनता को बरगलाने के लिए उल्टा सीधा बयान मीडिया में रखते हैं. दरअसल, सुशील मोदी ने तेजस्वी की ओर से चुनाव आयोग को सौंपे गए संपत्ति के ब्यौरे पर सवाल उठाया था और पूछा था कि इतनी संपत्ति बिना कुछ किए कैसे अर्जित कर ली? उनके इसी बयान पर तेजस्वी ने पलटवार किया है.