पटना: बिहार विधान सभा चुनाव में राजनीतिक जोड़-तोड़ के बीच टिकट को लेकर तमाम पार्टियों में रिश्ते बनते बिगड़ते रहे. इन सब के बीच चुनाव लड़ने का मन बना चुके नेताओं की मुसीबत तब बढ़ गई जब पार्टियों ने आपसी समझौते के तहत सीटों के बंटवारे कर लिए और आस लगाए नेता की सीट किसी और को चली गई. ऐसे में नेताओं का बागी होना स्वाभाविक सी बात थी और तब ये बागी कहीं विरोधी खेमा तो कहीं निर्दलीय मैदान में उतर गए और चुनाव लड़ने की इन्होने भी कर दी घोषणा. पार्टी के वरिष्ठो को ये बात नागवार गुजरी और तीसरे चरण को लेकर नाम वापसी के अंतिम घड़ी में पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे उन नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इस कड़ी में एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले तीन नेताओं को बाहर निकाला वहीं आरजेडी ने 12 नेताओं को निष्कासित कर दिया.
बीजेपी के निष्कासित नेता
एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ रहे और पार्टी विरोधी कार्य करने वाले अपने तीन नेतआों को बीजेपी ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इनमें एक हैं बेगूसराय के पूर्व विधायक रामचंद्र राम जिनको एनडीए के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के आरोप में पार्टी ने 6 साल के लिए निकाल दिया है वहीं छपरा के कामेश्वर सिंह मुन्ना और सिवाल के डॉ देवरंजन सिंह को भी एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के आरोप में निष्कासित किया गया है. पार्टी ने आधिकारिक तौर पर ये कह रखा है कि दल विरोधी चुनाव लड़ने को अनुशासन के खिलाफ माना जाता है ऐसे में पार्टी अधिकृत है इन्हे दंडित करने के लिए.
आरजेडी के निष्कासित नेता
आरजेडी ने महागठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले 12 नेताओं की अगले 6 साल तक के लिए सदस्यता रद्द कर दी है. पार्टी द्वारा मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्री. अध्यक्ष के निर्देश पर जिन नेताओं को दल से निष्कासित किया गया है उनमें सहरसा के विधायक मो.जफर आलम, पूर्वी चंपारण के विधायक राजेश कुमार,मुजफ्फरपुर के विधायक सुरेन्द्र राय, गोपालगंज के मो. नेमतुल्ला, चंपारण के पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण. विधायक अंबिका सिंह यादव,लोक सभा प्रत्याशी कृष्ण कुमार यादव, औरंगाबाद के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र,प्रदेश उपाध्यक्षधर्मेन्द्र चंद्रवंशी,महासचिव गोपाल कृष्ण और चंदन यादव, नालंदा के कोषाध्यक्ष महेन्द्र यादव और नवादा के जिलाध्यक्ष प्रेम चौधरी की सदस्यता पार्टी ने 6 साल के लिए रद्द कर दिया है.