पटना : बिहार विधानसभा चुनाव का कल परिणाम आने के साथ हीं यह स्पष्ट हो जाएगा कि ताज किस दल के सर पर होगा और सरकार किसकी बनेगी. अब सरकार चाहे जिसकी बने पर इतना तो तय है कि इस बार का सदन कुछ नए रंग में होगा कुछ रोचक कुछ अनोखी होगी इस बार के सदस्यों की मंडली.
अनोखी विधा के माहिर प्रत्याशी
तमाम राजनैतिक पार्टियों ने चाहे सत्ता हो या विपक्ष हर किसी ने अपने अपने प्रत्याशियों के चयन में कई पेशा के लोगों को शामिल किया है.नॉमिनेशन के दौरान दाखिल हलफनामें में अपने पेशे का जिक्र करते हुए प्रत्याशियों ने अपनी अपनी विधा की जानकारी दी है जिसमें कोई कथावाचक तो कोई ज्यतिषी, कोई व्यवसायी तो कोई किसान,कोई मजदूर तो कोई समाजसेवी, कोई डॉक्टर तो कोई इंजिनियर. इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा रहा नौकरी और रोजगार. पूरे चुनावी सफर में महागठबंधन के दस लाख नौकरी तो एनडीए के 19 लाख नौकरी का मुद्दा गूंजता रहा, और ऐसे में बड़ी संख्या ऐसे प्रत्याशी मैदान में दिखे जो अपनी अच्छी खाशी नौकरी से इस्तीफा देकर चुनावी दंगल में कूद पड़े हैं.चुनाव में कई प्रमुख दलों के द्वारा दाखिल शपथ पत्र का विश्लेषण करें तो इस बार चुनाव में 142 व्यवसायी प्रत्याशियों ने व्यवसाय से किनारा कर राजनीति का दामन थामा है तो 202 किसानों ने खेती छोड़ सदन की राह में जाने की कवायद की है वहीं 15 मजदूरों ने चुनावी रंग को अपनाया है इनमें बीजेपी के एक प्रत्याशी तो जाप के दो, आरजेडी के एक मजदूर तो एनसीपी के दो ,प्लूरल्स पार्टी के एक और शिवसेना के एक मजदूर प्रत्याशी तो जाप के एक मजदूर प्रत्याशी मैदान में हैं.अब अगर पेशे से डॉक्टर प्रत्याशी की बात करें तो 19 प्रत्याशियों का पेशा है डॉक्टर, तो दो से तीन है इंजीनियर चुनाव लड़ रहे हैं अध्ययन अध्यापन और प्रोफेसरी को भी अपना पेशा बताने वाले 5 प्रत्याशी हैं तो एक प्रत्याशी कथावाचक और ज्योतिषी भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. बेनीपुर से जाप के प्रत्याशी राजेश कुमार मिश्रा कथावाचक है जबकि चकाई से अभिमन्यु कुमार मिश्रा ने अपना पेशा ज्योतिषी बताया है जाप में सबसे सबसे ज्यादा बिजनेस करने वाले प्रत्याशी है पार्टी में 29 प्रत्याशी व्यवसाई हैं दूसरे नंबर पर है एलजेपी के 28 प्रत्याशी व्यवसाय करते हैं तीसरे नंबर पर आरजेडी ने 18 व्यवसायियों को अपने चुनावी अखाड़े में उतारा है वहीं जेडीयु के 6 प्रत्याशी का पेशा व्यवसाय है तो बीजेपी के 8 और कांग्रेस के भी 8 प्रत्याशी व्यवसाई हैं.तो आरएलएसपी ने 10 व्यवसाईयों को चुनावी मैदान में उतारा है और बीएसपी 7 व्यवसाई प्रत्याशियों पर भरोसा दिखाया है.चुनाव में जीत किसकी होगी यह तो कल के नतीजे से पता चलेगा लेकिन इतना तो तय है कि सरकार चाहे किसी की भी बने पर उसके सदस्य अलग अलग पेशे से होंगें जो शायद अपने पेशे के मरम को जानते और मदसूस करते रहे होंगें तो इस बार का सदन हर क्षेत्र के दिग्गजों से परिपूर्ण होगा.अब जीत का सेहरा किस किस के सर बंधता है यद तो कल के मतगणना के बाद हीं पता चलेगा.