नई दिल्ली: बिहार के चुनावी संग्राम पर इस बार सबकी निगाहें टिकी हैं. क्या नीतीश कुमार का जादू इस बार भी चल पाएगा या फिर तेजस्वी यादव बाजी मार ले जाएंगे.


हालांकि एबीपी न्यूज़ ने सी-वोटर का ओपिनियन पोल बता रहा है कि इस बार यूपीए की स्थिति मजबूत नहीं है. सर्वे बताता है कि बिहार के सभी क्षेत्रों में वह कमजोर स्थिति में है.  उत्तर बिहार की स्थिति कुछ अलग नहीं है. यहां भी एनडीए को भारी जीत मिल सकती है.


उत्तर बिहार में एनडीए को हो सकता है फायदा
ओपिनयन पोल के मुताबिक उत्तर बिहार में एनडीए को यहां 47 से 51 और यूपीए को 17 से 21 सीटें मिल सकती हैं. अन्य के खाते में 4 से 6 सीटें जा सकती हैं.


क्या थी 2015 की स्थिति
2015 में इस क्षेत्र में यूपीए ने एनडीए के मुकाबले लगभग दोगुनी सीटें जीती थीं. यूपीए के खाते में 44 सीटें आई थीं. वहीं एनडीए सिर्फ 25 सीटों पर विजयी हुआ था.  अन्य 4 सीटों पर जीते थे.


यूपीए के वोट प्रतिशत में भी गिरावट
2015 में उत्तर बिहार में 39.8%  वोट मिले थे जबकि एनडीए को 35.9% वोट मिले थे. अन्यू को 24.3% वोट मिले थे. 2020 में एनडीए के वोट शेयर में भारी बढ़ोतरी हो सकती है और उसके खाते में 47.1% वोट आ सकते हैं. वहीं यूपीए को 31.8% वोट मिलने की उम्मीद है. अन्य के खाते में 21.1 प्रतिशत वोट जा  सकते हैं.


बता दें पिछले बार लालू और नीतीश ने अपनी सालों की दुश्मनी को भुला कर हाथ मिला लिया था. दोनों ने मिलकर एनडीए को चुनौती थी. जबकि इस बार जेडीयू एनडीए के साथ है.


बिहार में तीन चरणों में होने हैं चुनाव
बता दें बिहार विधानसभा चुनाव कुल तीन चरणों में होंगे. पहले चरण में 16 जिलों के 71 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे. दूसरे चरण में कुल 17 जिलों के 94 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे. तीसरे चरण में 15 जिलों के 78 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे. पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होगा, दूसरे चरण का मतदान तीन नवंबर को और तीसरे चरण का सात नवंबर को होगा.


चुनाव आयोग का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव कोरोना महामारी के मौजूदा हालात में दुनियाभर में होने वाले सबसे बड़े चुनावों में से एक होंगे. चुनाव में मतदान के लिए एक घंटे का समय बढ़ाया है. सुबह 7 से शाम छह बजे तक मतदान होगा. पहले शाम 5 बजे तक मतदान होता था. हालांकि, यह सुविधा नक्सल प्रभावित इलाकों में नहीं होगी.


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