Bihar Election: बीजेपी के घोषणापत्र में होगा ‘आत्मनिर्भर बिहार' पर फोकस, छात्रों के लिए भी बड़ा एलान संभव
सूत्रों की मानें तो इस ‘संकल्प पत्र’ के लिए एक करोड़ से ज्यादा सुझाव पार्रीट को मिले हैं. इसकी तैयारियां आखिरी दौर में हैं. 25 अक्टूबर को इसे जारी किया जा सकता है.
नई दिल्ली: बिहार में बीजेपी और जेडीयू साझा संकल्प पत्र 25 अक्टूबर को जारी कर सकती है. हालांकि, पार्टी में एक पक्ष का मानना है कि संकल्प पत्र जितनी जल्दी जारी किया जा सके उतना अच्छा होगा. सूत्रों के मुताबिक, संकल्प पत्र के लिए 1 करोड़ से ज़्यादा सुझाव अब तक पार्टी को मिले हैं और तैयारियां आखिरी दौर में हैं.
दो करोड़ घरों से जनसंपर्क के बाद मिले सुझावों के आधार पर पार्टी 'आत्मनिर्भर बिहार संकल्प पत्र' तैयार कर रही है. इसमें अगले पांच वर्षों के काम-काज का विजन होगा. बीजेपी का कहना है कि बिहार आत्मनिर्भरता की ओर से अग्रसर होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की अगुवाई करेगा.
बिहार चुनाव से जुड़े बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने एबीप न्यूज़ को बताया, "आत्मनिर्भर बिहार" एक राज्यव्यापी अभियान है जिसके जरिए पार्टी 2 करोड़ से अधिक घरों तक विभिन्न माध्यमों से पहुंची है. कोरोना महामारी के कारण इस अभियान में डिजिटल माध्यमों का अधिक उपयोग किया गया है.”
सूत्र के मुताबिक, बिहार को आत्मनिर्भर बनाने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. बिहार के फल चाहे वो लीची हों, जर्दालू आम हों, आंवला हो, मखाना हो या फिर मधुबनी पेंटिंग्स, ऐसे अनेक उत्पाद बिहार के जिले-जिले में हैं, जिनसे ‘वोकल फॉर लोकल’ की तर्ज पर बिहार को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए बीजेपी ने 'आत्मनिर्भर बिहार अभियान' का आगाज किया गया था. इस आत्मनिर्भर अभियान और रोजगार सृजन कि झलक सक्ल्प पत्र में दिखाई देगी.
बीजेपी की बिहार इकाई ने लोगों तक पहुंचने के लिए कई तरीके अपनाए. मसलन मिस्ड कॉल नंबर, वेबसाइट, व्हाट्सएप और डिजिटल रथ जैसे माध्यमों के जरिए पार्टी लोगों से जनसंपर्क कर बिहार को आत्मनिर्भर बनाने का सुझाव लिए हैं. 120 से अधिक डिजिटल रथ प्रदेश भर में यात्रा कर सुझाव इकठ्ठे कर चुके हैं. इनमें सुझाव पेटियां रखी गयी थीं. पेटियों में करीब 37 लाख लोगों ने अपने सुझाव डाले हैं.
इस बड़े अभियान से मिले सुझावों के आधार पर पार्टी 'आत्मनिर्भर बिहार संकल्प-पत्र' बनाएगी. सरकार बनने के बाद इस संकल्प पत्र को बीजेपी रोड मैप की तरह इस्तेमाल कर बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस्तेमाल करेगी.
कोरोना महामारी के संक्रमण काल के दौरान हुए लॉकडाउन के वक्त बड़ी तादाद में बिहार से विभिन्न राज्यों में रोजगार की तलाश में गए श्रमिकों ने पलायन किया. इस पलायन के बाद पार्टी की कोशिश है कि मजदूरों और श्रमिकों को उन्हीं के घर के आसपास रोजगार मुहैया कराया जाए. इस स्तर पर सरकार के प्रयास तो चल ही रहे हैं, पार्टी अपने संकल्प पत्र में भी आत्मनिर्भर बिहार से लेकर रोजगार सृजन पर जोर देते हुए मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेगी. इसके अलावा 10वीं और 12वीं पास करने वाले छात्रों के लिए भी बड़ी घोषणा, संकल्प पत्र का हिस्सा हो सकती हैं.
Exclusive: कांग्रेस ने माना लालू यादव अपने किए की सजा भुगत रहे, तेजस्वी बनेंगे सीएम