पटना-बिहार विधान सभा चुनाव के ठीक पहले सीट बंटवारे को लेकर चले द्वंद के बीच एनडीए में आई दरार अब खुलकर दिखने लगे हैं. बीजेपी और जेडीयू से अलग हो एलजेपी ने अलग चुनाव लड़ने की घोषणा की और जो राह चुनी है.उसमें बीजेपी और जेडीयू के नाराज प्रत्यासियों का साथ भी चिराग पासवान को खूब मिल रहा है. इसी कड़ी को मजबूत करने के इरादे से बीजेपी की वरिष्ठ नेता उषा विद्यार्थी ने बीजेपी छोड़ बंगले में एंट्री ली.
उषा विद्यार्थी को पसंद आया बंगला
बीजेपी छोड़ एलजेपी पहुंची उषा विद्यार्थी ने एबीपी से बात करते हुए कहा,बिहार को आगे ले जाने के लिए कुछ कठोर फैसला लेने की जरूरत थी,क्षेत्र के लोगों की भावनाओं का ख्याल रख ये निर्णय लेना पड़ा.साथ हीं चिराग का नीतीश पर लिए गए स्टैंड से प्रभावित प्रभावित होते हुए बिहार 1st बिहारी 1st के विचार पर सहमति बनने से एलजेपी ज्वाइन किया.खबर ये है कि चिराग ने उषा विद्यार्थी को पार्टी में लाने की पहल की थी.
उषा के लोजपा में आने से जेडीयू में खलबली
उषा विद्यार्थी पालीगंज की सीट जेडीयू को दिए जाने से सम्भवतः नाराज थीं. चूंकि ये सीट आरजेडी से जेडीयू में आए विधायक को दी गई है . और अब उनके भी एलजेपी से चुनाव लड़ने की चर्चा है.
दल बदल की तस्वीरें इन दिनों खूब दिखेंगी अब फैसला जनता के हाथ में है किसे स्वीकारती है और किसे नकारती है.