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बिहार चुनाव: रोजगार है इस बार चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा, जानें क्या कहते हैं पार्टियों के घोषणा पत्र
इस बार रोजगार चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है सभी प्रमुख पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में युवाओं को नौकरियां देने का वादा किया है.
![बिहार चुनाव: रोजगार है इस बार चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा, जानें क्या कहते हैं पार्टियों के घोषणा पत्र Bihar elections: Employment is the biggest issue of elections this time, know what the parties' manifesto says बिहार चुनाव: रोजगार है इस बार चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा, जानें क्या कहते हैं पार्टियों के घोषणा पत्र](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/10/23024535/bihar.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए लगभग सभी पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं. इस बार रोजगार चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है सभी प्रमुख पार्टियों ने अपने घोषणा पत्र में युवाओं को नौकरियां देने का वादा किया है. जानते हैं कि पार्टियों ने अपने घोषणापत्र में कौन-कौन से वादे किए हैं.
बीजेपी का घोषणा पत्र बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में 19 लाख नई नौकरियां पैदा करने का वादा किया है. बीजेपी का कहना है कि इनमें स्कूल, कॉलेजों, यूनिवर्सिटी में तीन लाख टीचर्स, आईटी सेक्टर में 5 लाख नौकरिया और एक लाख नौकरियां मेडिकल सेक्टर में पैदा की जाएंगी.
दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 10 लाख नौकरिया देने के आरजेडी के वादे की आलोचना की है. सुशील कुमार मोदी ने लिखा, “10 लाख नौकरी देने की डपोरशंखी घोषणाओं के लिए अतिरिक्त 58 हजार करोड़ कहां से लाएगा विपक्ष. वर्तमान कर्मियों के वेतन मद में 52,734 करोड़ का व्यय, 10 लाख और बहाली हो तो वेतन पर ही होगा 1 लाख 11 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च विकास के सारे काम को बंद करना चाह रहा है विपक्ष.”
10 लाख नौकरी देने की डपोरशंखी घोषणाओं के लिए अतिरिक्त 58 हजार करोड़ कहां से लाएगा विपक्ष
* वर्तमान कर्मियों के वेतन मद में 52,734 करोड़ का व्यय, 10 लाख और बहाली हो तो वेतन पर ही होगा 1 लाख 11 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च * विकास के सारे काम को बंद करना चाह रहा है विपक्ष — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 21, 2020
जेडीयू ने अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए सात निश्चय गिनाए हैं. इनमें पहला निश्चय ही युवाओं से जुड़ा हैं. ये सात निश्चय हैं- 1-युवा शक्ति बिहार की प्रगति, 2- सशक्त महिला,सक्षम महिला, 3-हर खेत में सिचाई का पानी, 4- स्वच्छ गाँव,समृद्ध गाँव, 5- स्वच्छ शहर विकसित शहर, 6- सुलभ संपर्कता, 7- सबके लिये स्वास्थ्य सुविधा.
महागठबंधन घोषणापत्र आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के महागबंधन का घोषणा पत्र 17 अक्टूबर को जारी हुआ था. महागठबंधन ने 10 लाख नौकरियों देने का वादा किया है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि महागठबंधन का सबसे ज्यादा जोर बेरोजगारी दूर करने पर है. अगर वह सरकार में आते हैं तो उनकी कलम से पहला फैसला 10 लाख बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी जाएगी.
इसी के तहत मनरेगा के तहत प्रति परिवार के बजाय प्रति व्यक्ति को काम का प्रावधान, न्यूनतम वेतन की गारंटी एंव कार्य दिवस को 100 से 200 दिन किया जाएगा. मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार योजना भी बनाया जाएगा.
आरजेडी ने ट्वीट कर तंज कहा, “15 साल से बिहार में सरकार! 6 साल से डबल इंजन की फेल सरकार! पर स्पेशल स्टेटस व पैकेज पर लिए चुप्पी मार! बनाकर बिहार को सबसे बेरोजगार (46.6%) अब कह रहे हैं देंगे 19 लाख रोजगार! जाओ जाओ तुम हो सबसे झूठे मक्कार जुमलेबाज़ों पर विश्वास कैसे करेगा बिहार? “
15 साल से बिहार में सरकार! 6 साल से डबल इंजन की फेल सरकार! पर स्पेशल स्टेटस व पैकेज पर लिए चुप्पी मार!
बनाकर बिहार को सबसे बेरोजगार (46.6%) अब कह रहे हैं देंगे 19 लाख रोजगार! जाओ जाओ तुम हो सबसे झूठे मक्कार जुमलेबाज़ों पर विश्वास कैसे करेगा बिहार? अब हर बार बस तेजस्वी सरकार! pic.twitter.com/5DWLFmpqYI — Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) October 22, 2020
एलजेपी का घोषणा पत्र वहीं चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने अपने घोषणापत्र में कितने रोजगार देंगे इसकी संख्या तो नहीं बताई है लेकिन जोर एलजेपी का भी रोजगार पर ही है.
आज बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लोजपा का 'बिहार1st-बिहारी 1st' घोषणापत्र जारी किया है।
घोषणा पत्र में रोजगार और पलायन की भी बात की गई है।#बिहार1stबिहारी1st pic.twitter.com/2f5Hf6M2Yh — युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 21, 2020
एलजेपी ने कहा कि कहा है कि वह एक वेब पोर्टल का निर्माण करेगी जहां नौकरी चाहने वाले और नियोक्ता सीधे जुड़ सकते हैं. पार्टी राज्य में एक ऐसा मॉडल बनाने का वादा किया है ताकि बिहार के लोगों को आजीविका की तलाश के लिए दूसरे राज्यों में न जाना पड़े.
जनअधिकार पार्टी का घोषणापत्र वहीं पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी ने भी अपने घोषणा पत्र में युवाओं और रोजगार को लेकर कई वायदे किए हैं. घोषणा जारी करने हुए पप्पू यादव ने कहा, "मिड डे मील रसोइये, विकास मित्र, टोला सेवक, शिक्षा सेवक तालिमी मरकज और आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय को बढ़ाने की बात प्रतिज्ञा पत्र में की गई है. इसके अलावा वृद्ध और विधवा पेंशन समेत सभी प्रकार के पेंशन की राशि को 500 से बढ़ाकर 3,000 रुपए प्रतिमाह करने की भी बात की गई है. वित्त रहित प्रोफेसर, गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसर, निविदा, संविदा, नियोजित पर बहाली नहीं होगी, सभी की स्थाई नियुक्ति की जाएगी."
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