दरभंगा/मुजफ्फरपुर/ पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी राजद के पिछले शासनकाल पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव को 'जंगल राज का युवराज' करार दिया और दस लाख सरकारी नौकरियों के उनके वादे पर उन्हें आड़े हाथ लिया. पीएम ने उत्तर बिहार के दरभंगा और मुजफ्फरपुर के साथ ही राजधानी पटना में एक के बाद एक तीन चुनावी रैलियों को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत हिंदुत्व से की और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने का जिक्र किया.


पीएम की रैली की 10 बड़ी बातें


1- प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रदेश की जनता को चेताया कि अगर राज्य को 'बीमार' करने वाले लोग फिर से सत्ता में आ गए तो बिहार को कोरोना के साथ ही कुशासन की दोहरी मार झेलनी पड़ेगी. मोदी ने तेजस्वी यादव के चुनावी वादे पर सवाल उठाते हुए दावा किया, ''सरकारी नौकरी तो छोड़िए, इन लोगों के आने का मतलब है, नौकरी देने वाली प्राइवेट कंपनियां भी बिहार से भाग जाएंगी.''


2- प्रधानमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन समझा जाता है कि उनका संकेत बिहार में लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती राजद सरकार के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर था. उन्होंने कहा कि आज बिहार के सामने कोरोना वायरस महामारी से निपटने और बिहार को 'बीमार' करने वाली ताकतों से निपटने की दोहरी चुनौती है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में एक-एक वोट जरूरी है.


3- मोदी ने कहा, ''जैसे कोरोना से निपटने के लिये मास्क और दो गज की दूरी जरूरी है, वैसे ही बिहार को बीमार करने वाली ताकतों से निपटने के लिये राजग के पक्ष में एक-एक वोट जरूरी है.'' उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ''जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों-पिछड़ों-वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वे लोग बिहार की उम्मीदों को समझ पाएंगे?''


4- राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव का नाम लिये बिना प्रधानमंत्री ने कहा, '' 'जंगलराज के युवराज' से बिहार की जनता पुराने ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर और क्या अपेक्षा कर सकती है? जंगलराज के युवराज से क्या उम्मीद कर सकते हैं कि बिहार आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) का केंद्र बनेगा, या क्या वह आधुनिकता के किसी क्षेत्र में प्रदेश को आगे ले जा सकते हैं. ''


5- उन्होंने कहा कि ये समय बड़ी बड़ी, हवा हवाई बातें करने वालों को नहीं, बल्कि जिनके पास अनुभव है, जो बिहार को गहरे अंधेरे से निकालकर यहां लाए हैं, उन्हें दोबारा चुनने का है.


6- पीएम मोदी ने कहा, ''यह चुनाव आने वाले दशक में, इस सदी में बिहार के भविष्य को तय करेगा. आपका एक वोट यह तय करेगा कि आत्मनिर्भरता का संकल्प लेकर निकले भारत में बिहार की भूमिका क्या होगी? आपका एक वोट तय करेगा कि आत्मनिर्भर बिहार का लक्ष्य कितनी तेज़ी से हम पूरा कर पाएंगे.''


7- विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'अपना काम, अपना कारोबार करने वालों के साथ इन लोगों का जो बर्ताव रहा है, उसे तो बिहार के लोग कभी नहीं भूल सकते. रंगदारी दी तो बचेंगे, नहीं तो किडनैपिंग इंडस्ट्री (अपहरण उद्योग) का कॉपीराइट तो उन लोगों के पास ही है. इसलिए, इनसे सावधान रहना है.'' उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की सरकारों का मंत्र 'पैसा हजम परियोजना खत्म' था और उन्हें 'कमीशन' शब्द से इतना प्रेम था कि 'कनेक्टिविटी' (संपर्क) पर कभी ध्यान ही नहीं दिया और ऐसे लोग बिहार के हित के बारे में नहीं सोच सकते. उन्होंने कहा कि इनकी (विपक्ष की) राजनीति झूठ, फरेब और भ्रम पर आधारित है और इनके पास न तो विकास का कोई खाका है और न ही कोई अनुभव है.


8- राजद सहित विपक्ष के विकास एवं रोजगार के वादे पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''वे दल जो बिहार के उद्योगों को बंद करने के लिए बदनाम हैं, जिनसे निवेशक कोसों दूर भागते हैं, वो लोग बिहार के लोगों को विकास के वायदे कर रहे हैं.'' गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी चुनावी सभाओं में 10 लाख नौकरी देने और विकास के मुद्दे को उठा रहे हैं .


9- अध्योया में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने का जिक्र करते हुए मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, ''वे सियासी लोग, जो बार-बार हमसे तारीख पूछा करते थे, वे बहुत मजबूरी में हैं. आज वे लोग भी तालियां बजा रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि बीते 15 वर्षों में बिहार नीतीश कुमार के नेतृत्व में बहुत आगे बढ़ा है और आज मां सीता अपने नैहर (मायके) को तो प्रेम से निहार ही रही होंगी.


10- मोदी ने कहा कि राजग सरकार आधारभूत ढांचे पर निवेश कर रही है, गांवों के पास बेहतर सुविधाएं विकसित करने पर जोर दे रही है, उसका लाभ बिहार के लोगों को मिलने वाला है. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान आरक्षण को 10 वर्ष के लिये बढ़ाने, गरीबों के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण देने सहित सरकार की जन कल्याण योजनाओं का भी जिक्र किया.