नई दिल्ली: आईपीएल की तरह ही बिहार की लीग का भी आज फाइनल खेला जा रहा है. 243 विधानसभा सीटों पर गिनती जारी है. सुबह आठ बजे वोटों की गिनती शुरू हुई और चार घंटे बाद भी बिहार के सियासी मैच में पूरा रोमांच बना हुआ है. शुरुआती रुझानों जहां महागठबंधन चल रहा था वहीं एनडीए ने भी समय के साथ साथ पूरे रुझान को पलट दिया.
दोपहर 12 बजे के रुझानों के मुताबिक एनडीए बहुमत का आंकड़ा पार चुका है. एनडीए के खाते में 129 सीटें जाती नजर आ रही हैं वहीं महागठबंधन 105 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी भी सात सीटों पर आगे चल रही है. बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है.
लगातार चल रहा आगे पीछे का खेल?
बिहार के नतीजों को देखकर चुनावी एक्सपर्ट भी हैरान हैं. शुरुआती रुझान में जब पोस्टल बैलट खुल रहे थे तब महागठबंधन को बढ़त दिख रही थी. उस वक्त कहा जा रहा था कि अगर अभी यह हाल है तो आगे जाकर यह नंबर बीजेपी और जेडीयू के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है.
गिनती के शुरुआती एक घंटे में महागठबंधन ने बढ़त बना कर रखी थी. एनडीए ने जब 100 का आंकड़ा भी पार नहीं किया था उस वक्त महागठबंधन को बहुमत मिल चुका था. लेकिन धीरे धीरे जैसे ईवीएम खुलने शुरू हुए तब एनडीए का पड़ला भारी होना शुरू हो गया.
चुनाव आयोग के आंकड़ों में भी एनडीए को बहुमत
चुनाव आयोग के आंकड़ों में एनडीए को बहुमत मिलता नजर आ रहा है. बीजेपी सबसे बजड़ी पार्टी बनकर उभर रही है. आयोग के आंकड़ों के मुताबिक एनडीए 132, महागठबंधन 97, एलजेपी 4 पर आगे चल रहे हैं. वहीं 10 सीटों पर अन्य आगे हैं.
एनडीए के माथे पर अभी भी चिंता क्यों?
रुझानों में बढ़ते के बाद भी एनडीए के खेमे में पूरी तरह खुशी नजर नहीं आ रही है. इसके पीछे का कारण बिहार की वो 70 सीटें जिन पर जीत हार का अंतर बेहद कम है. इनमें से भी 40 से ज्याजा सीटें हैं जहां एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवार के बीच वोटों का अंतर हजार से भी कम है.
इसके साथ ही अभी लगभग 50 लाख वोटों की ही गिनती हुई है, जबकि बिहार में इस बार करीब चार करोड़ वोट पड़े हैं. इसलिए एक्सपर्ट का भी कहना है कि रुझानों को देखकर हमें किसी परिणाम पर नहीं पहुंचना चाहिए. यही एनडीए खेमे के लिए भी चिंता का सबब बना हुआ है.