पटना: सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) को बड़ा झटका दिया है. बिजली दर की नई टैरिफ की घोषणा की गई है. बिजली शुल्क (Bihar Electricity Bill) में 24.10 फीसद की बढ़ोतरी की गई है. बिहार विद्युत विनियामक आयोग (Bihar Electricity Board) ने बिजली दर में बढ़ोतरी की घोषणा की है. इससे बिजली उपभोक्ताओं को अतिरिक्त बोझ झेलना पड़ेगा. हालांकि बिजली कंपनियों ने 53.62 फीसद की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था.


बिजली उपभोक्ताओं की जेब ढीली होना तय


बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने 24.10 प्रतिशत ऊर्जा शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है. इसके साथ ही बिजली बिल के फिक्स्ड जार्ज में भी दोगुना से ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है. बोर्ड ने एक अप्रैल 2023 से राज्य में 2023-24 के लिए तय शुल्क बढ़ाने का भी फैसला किया है. इस फैसला से बिजली उपभोक्ताओं की जेब ढीली होना तय है.


बिजली दरों के स्लैब को किया गया कम


बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर कुमार ने गुरुवार को बिजली दरों बढ़ोतरी का फैसला सुनाया. फिक्स्ड जार्ज में दोगुने से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. प्रति यूनिट बिजली की नई दरों का निर्धारण राज्य सरकार की ओर से दी जान वाली सब्सिडी के आधार पर किया जाएगा. साथ ही बिजली दरों के स्लैब को तीन से कम कर अब दो कर दिया गया है.


सरकार को मिलेगी राहत


बता दें कि बिहार में अभी एक यूनिट बिजली की आपूर्ति का खर्च सात रुपये से अधिक है, जबकि यहां उपभोक्‍ताओं को इससे कम दर पर बिजली दी जा रही थी. अभी ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को 50 यूनिट बिजली खपत के लिए 6.10 रुपये प्रति यूनिट देना होता है. वहीं इससे ज्यादा खपत होने पर 6.40 रुपये प्रति यूनिट भुगतान करना होता है. शहरी क्षेत्रों में 100 यूनिट खपत तक 6.10 रुपये प्रति यूनिट चार्ज है, जबकि इससे ज्यादा बिजली खपत पर 6.95 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होता है. ऐसे में सरकार को हर साल सस्‍ती बिजली देने के मद में करोड़ों रुपये खर्च करनी पड़ रही है. इस नियम के लागू हो जाने के बाद सरकार का बोझ कम हो सकता है.


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