Dhirendra Shastri News: गया में बोधगया के एक निजी रिसोर्ट में बाबा बागेश्वर धाम सरकार के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का प्रवास है. इस दौरान वह अपने 200 विशेष भक्तों को पूर्वजों का पिंडदान और भागवत कथा सुनाएंगे. इस बीच रविवार (29 सितंबर) को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से आशीर्वाद लेने ओबीसी मंत्री हरि सहनी और पर्यावरण मंत्री डॉ प्रेम कुमार भी पहुंचे थे. बाबा बागेश्वर अपने भक्तों को पितृपक्ष की महिमा की जानकारी दे रहे है. इसी बीच सभी भक्तों के सामने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पर्यावरण मंत्री को कहा कि 'कहां है मोटकु राम यहां आओ'. उसके बाद पर्यावरण मंत्री ने उन्हें मखाने की माला पहना कर स्वागत किया और आशीर्वाद लिया.


मखाने की माला पहनाने पर क्या बोले?


मखाने की माला पहनाने पर उन्होंने कहा कि हमारे यहां बुंदेलखंड में मरने के बाद मखाने की माला पहनाया जाता है. आपने तो जीवित में हीं पहना दिया. इस पर मंत्री डॉ प्रेम कुमार कहा कि यह मिथिला की परंपरा है. इसके बाद भक्तों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पितृपक्ष का यह 15 दिन पूर्वजों के लिए है, इसलिए जब समय मिले. यहां पिंडदान करें. भगवान श्री राम ने भी यहां पिंडदान किया था. पुर्वजो के प्रति श्रद्धा उत्पन्न करना है. वर्तमान समय में भारत के लोग जिन-जिन समस्याओं से घिरे है. यह मेरा मानना है कि जितनी विपतियों का सामना मनुष्य जाति कर रहा है. उसका पहला कारण पितरों की रूष्ट्रता है.


धीरेंद्र शास्त्री बताया पुत्रों का कर्तव्य


धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि पितरों के प्रति श्रद्धा उत्पन्न करना, उनके मोक्ष के लिए प्रार्थना करना, नियम, व्रत करना यह परम कर्तव्य है. जो पुत्र अपने पूर्वजों का श्रद्धा से श्राद्ध करवाएगा वही पुत्र, पुत्र कहने लायक है. पुत्र होने का धर्म यही है कि अपने पूर्वजों का श्राद्ध करना. पुत्र का धर्म संपति बंटवाना नहीं है. नाम पिता का, संपति पिता की मजे पुत्र ले रहा है. पिता को वृद्धाश्रम छोड़ देते हैं. दुत्कार देते हैं. जिसने जन्म दिया मां को भी डांट देते हो. तो खुद विचार करना की मां पिता ने तुम्हारे लिए सब कुछ किया तो तुमने क्या किया.


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