बिहार: जंगली हाथियों के उत्पात पर पर्यावरण मंत्री गंभीर, विभाग से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
कुसहा-त्रासदी के बाद नाराज हाथियों का कहर लगातार जारी है. आए दिन नेपाली भू-भाग से हाथियों का आगमन भारतीय भू-भाग में होता है और फसलों के साथ-साथ घर-मकान पर भी उनका कहर बरपता है.
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सुपाैल: बिहार के सुपौल जिले के बसंतपुर पंचायत के वार्ड नंबर 01 और 08 में बीते शनिवार को नेपाल से आए चार हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया था. जंगली हाथियों ने किसानों की फसल बर्बाद कर दी थी और कई दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया था. इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सूबे के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार बबलू ने वन विभाग के अधिकारियों से अविलंब जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
उन्होंने वन विभाग से नेपाल से आने वाले हाथियों को रोकने के लिए अब तक किए गए उपाय, जान-माल के नुकसान और किसानों को दिए गए मुआवजे के साथ-साथ समस्या के स्थायी निदान के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. मंत्री की ओर से जंगली हाथियों द्वारा मचाए जा रहे उत्पात पर संज्ञान लेने और विभाग से विस्तृत रिपोर्ट की मांग किए जाने का बसंतपुर पंचायत के लोगों ने स्वागत किया है.
जंगली हाथी लगातार मचा रहे उत्पात
बता दें कि कुसहा-त्रासदी के बाद नाराज हाथियों का कहर लगातार जारी है. आए दिन नेपाली भू-भाग से हाथियों का आगमन भारतीय भू-भाग में होता है और फसलों के साथ-साथ घर-मकान पर भी उनका कहर बरपता है. रातों रात सैकड़ों एकड़ में लगी फसल गजराज रौंद डालते हैं. वहीं, कहर बरपाने के बाद वे नेपाली भू-भाग में लौट जाते हैं.
विभाग हुआ था सजग, पर नहीं थम सका सिलसिला
हाथियों के कहर से परेशान लोगों ने कई बार प्रदर्शन तक किया है. प्रशासन को फसल क्षति का मुआवजा तक देना पड़ा. लेकिन सिससिला रुकने का नाम नहीं ले रहा. हाथियों के लगातार कहर से निजात दिलाने के लिए तीन-चार साल पहले वन विभाग के अधिकारियों की टीम सुपौल पहुंची थी और इस पर अंकुश लगाने के प्रयत्न किए थे. विभागीय प्रयास के बाद कुछ दिनों तक हाथियों की आवाजाही बंद रही. लेकिन, इधर से उनकी आवाजाही फिर से बढ़ चली है. कुछ दिन पहले हाथी के रोकथाम के लिए सीमा पर सायरन भी लगाया, परन्तु वह कारगर नहीं हो सका.
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