Bihar Exit Poll: जानिए- 2015 के नतीजों के मुकाबले किस पार्टी को हो रहा है कितना नुकसान या फायदा?
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू थी जिसे 71 सीटें हासिल हुई थी.

एबीपी-सी-वोटर के एग्जिट पोल में एनडीए को 104-128 सीटें मिलती दिख रही हैं और महागठबंधन को 108-131 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है. इसके अलावा चिराग पासवान की एलजेपी को सिर्फ1-3 सीटों पर जीत मिलने की उम्मीद है. वहीं अन्य के खाते में 4-8 सीटें जाने का अनुमान है.
एबीपी न्यूज़-सीवोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक नीतीश कुमार की जेडीयू को 38-46 सीटें मिलती दिख रही हैं और बीजेपी को 66-74 सीटें मिलने का अनुमान है. वीआईपी को 0-4 सीटें और हम को 0-4 सीटें मिलने का अनुमान है. इसके अलावा महागठबंधन को देखें तो आरजेडी को 81-89 सीटें मिलने का अनुमान है और कांग्रेस को 21-39 सीटें मिल सकती हैं. इसके अलावा लेफ्ट के खाते में 6-13 सीटों के जाने का अनुमान है.
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू थी जिसे 71 सीटें हासिल हुई थी. इसके अलावा बीजेपी को 54, कांग्रेस को 27, एलजेपी को 2, आरएलएसपी को 2, हम को 1 और अन्य के हिस्से में 7 सीटें गई थी.
2015 में किसे मिली थी कितनी सीटें?
JDU- 71 BJP- 53 RJD- 80 Congress- 27 LJP- 2 RLSP- 2 HAM- 1 Other- 7
पूरी तरह से बदल चुके हैं गठबंधन के समीकरण
2015 की तुलना में 2020 का विधानसभा चुनाव पूरी तरह से अलग है. 2015 में नीतीश कुमार की जेडीयू, लालू प्रसाद यादव की आरजेडी और कांग्रेस ने महागठबंधन बनाकर बीजेपी, आरएलएसपी और एलजेपी के गठबंधन पर जीत हासिल की थी.
लेकिन दो साल बाद ही नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हो गए और उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बना ली. अब महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस के अलावा वामपंथी दल शामिल हैं, जबकि बीजेपी ने नीतीश की अगुवाई में चुनाव लड़ने का एलान किया है. एनडीए में बीजेपी, जेडीयू, हम और वीआईपी शामिल हैं.
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