हाथ में ऑक्सीजन सिलिंडर और गोद में बच्चा लेकर घूमते रहे परिजन, अस्पताल कर्मियों ने नहीं मुहैया कराया स्ट्रेचर
परिजनों ने बताया कि बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गयी और वो बेहोश हो गया. ऐसे में उसे इलाज के लिए मोरवा प्रखंड अस्पताल ले जाया गया था. लेकिन वहां से बच्चे को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.
समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले में रविवार को सदर अस्पताल प्रबंधन के लापरवाही की तस्वीर सामने आई है. लापरवाही ऐसी जिसे देख कोई भी बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था और सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाओं पर सवाल उठाने लगे. दरअसल, रविवार को जिले के मोरवा प्रखंड के रहने वाले दंपति अपने एक साल के बच्चे का इलाज कराने समस्तीपुर सदर अस्पताल पहुंचे थे.
पूरे अस्पताल का चक्कर लगाते रहे परिजन
हालांकि, अस्पताल पहुंचने के बाद ना तो अस्पताल प्रबंधन की ओर से बच्चे के लिए स्ट्रेचर मुहैया कराया गया और ना ही कोई अन्य सुविधा दी गयी. ऐसे में बच्चे के पिता आगे-आगे हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चले और उनके पीछे महिला बच्चे को गोद में लिए बढ़ती नजर आई. बच्चा और सिलेंडर को थामे महिला और युवक पूरे अस्पताल का चक्कर लगाते रहे. लेकिन, किसी स्टाफ ने उनकी मदद करना मुनासिब नहीं समझा.
अचानक बिगड़ गयी बच्चे की तबीयत
इस संबंध में पीड़ित परिजनों ने बताया कि बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गयी और वो बेहोश हो गया. ऐसे में उसे इलाज के लिए मोरवा प्रखंड अस्पताल ले जाया गया था. लेकिन वहां से बच्चे को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. मोरवा अस्पताल की तरफ से भी एबुंलेंस की सुविधा नहीं दी गयी, केवल ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया.
ऐसे में परिजन प्राइवेट कार से बच्चे को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें कई घंटों तक हाथ में सिलेंडर और गोद में बच्चा लेकर घूमना पड़ा. बता दें कि यह पहला मामला नहीं है. बिहार के सरकारी अस्पतालों में ऐसे मामले आए दिन सामने आ जाते हैं. बीते दिनों मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल से भी स्वास्थ्यकर्मियों के लापरवाही की तस्वीर सामने आई थी. लापरवाही की वजह से एक बेटे को अपनी मां के शव को ई-रिक्शा में लेकर जाना पड़ा था.
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