गया: बिहार के गया में गया-डोभी मुख्य मार्ग पर गुरुवार को जिन्दापुर गांव के समीप किसानों और स्थानीय लोगों ने बिना मुआवजा और नोटिस दिए सड़क के दोनों तरफ बने घरों को तोड़ने के विरोध में एनएच-83 को जाम कर प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों की प्रदर्शन की वजह से सड़क के दोनों तरह वाहनों की लंबी लाइन लग गई, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि एनएच के दोनों साइड वर्षों से बने मकान को तोड़ने के बाद एनएचआई द्वारा खेतिहर जमीन के अनुसार मुयावजा दिया जा रहा है. जबकि लोगों का कहना है कि यह रेसिडेंशियल एरिया है, इसलिए मुआवजा भी उसी अनुसार दिया जाना चाहिए. इसी बात विवाद के बीच बीते दिनों ने एनएचआई के अधिकारियों ने मुआवजा दिए बेगैर ही स्थानीय प्रसाशन के साथ मिलकर जबरन किसानों के मकान को बुल्डोजर से तोड़ दिया, जिससे अब काफी परेशानी हो रही है.
लोगों की मानें तो प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों के पास तो कोई और ठिकाना भी नहीं है, जिस वजह से उन्हें खेत में बने झोपड़ी में रहना पड़ रहा है, जबकि कुछ लोग टूटे मकान में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि बिना नोटिस दिए ही मकान को बुलडोजर लगाकर ढाह दिया गया.
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार की ओर से जमीन लेने पर उन्हें आपत्ति नहीं है. हाईवे का विस्तार होना चाहिए लेकिन उन्हें मुयावजा रेसिडेंशियल एरिया के हिसाब से मिलना चाहिए.
सड़क जाम कर रहे किसानों ने बताया कि किसानों के तीनों कानून किसान विरोधी हैं, जिसे लेकर दिल्ली सहित अन्य राज्यो में प्रदर्शन किया जा रहा है. उसी के समर्थन में यहां भी सड़क जाम किया गया है. उन्होंने कहा कि किसानों के जमीन को कॉरपोरेट के हाथों गिरवी रखा जा रहा है और उनके मकान को जबरन बिना उचित मुआवजा दिए हीं तोड़ा जा रहा है.