कैमूर: सीएम नीतीश ने नवंबर महीने में ही धान अधिप्राप्ति के लिए सभी पैक्सों को आदेश दे दिया है. लेकिन आदेश के बावजूद पैक्स अध्यक्ष मनमानी कर रहे हैं, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. बिहार के कैमूर जिले के डंडवास गांव के किसान पैक्स को धान बेचने के लिए पिछले डेढ़ महीने से लगातार कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं.


खरीददारी में टालमटोल कर रहे पैक्स अध्यक्ष


डंडवास पैक्स खुला तो है, लेकिन पैक्स अध्यक्ष और प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी द्वारा मनमाने तरीके से की जा रही खरीदारी की वजह से कई किसानों अब तक धान नहीं बेची है. इधर, एमएसपी पर खरीददारी करने की बात पर पैक्स अध्यक्ष धान की खरीददारी में टालमटोल कर रहे हैं.


बिचौलियों के हाथों धान बेचने को मजबूर


इस बात से परेशान किसान पैक्स अध्यक्ष से लेकर जिलाधिकारी तक मदद की गुहार लगा रहे हैं, फिर भी उनके धान का कोई खरीददार नहीं मिल रहा. ऐसे में पैक्स अध्यक्ष और प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के मनमानी को देखते हुए कई किसान औने-पौने दाम पर बिचौलीए के हाथों धान बेचने को मजबूर हैं.


धान बेचना किसानों की मजबूरी


इस संबंध में किसान बताते हैं कि नवंबर महीने में ही धान की तैयारी हो गयी है. इसके बाद से वे लगातार पैक्स का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक पैक्स ने धान अधिप्राप्ति नहीं की है. किसानों का कहना है कि बिचौलिए 1300-1400 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान मांग रहे हैं. जबकि एमएसपी 1880 रुपये है. लेकिन धान बेचना हमारी मजबूरी बनती जा रही है. अगर ऐसा नहीं किया तो लागत भी नहीं निकल पाएगा.


प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी ने कही ये बात


इधर, इस संबंध में जब प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डंडवास पैक्स में विलंब से धान की खरीदारी शुरू हुई है. इस कारण अभी धान की खरीदारी 50 प्रतिशत भी नहीं हो पाई है. सरकार ने 31 जनवरी तक धान खरीदारी का अंतिम तिथि तय की है. लेकिन उस समय तक लक्ष्य पूरा करना मुश्किल है. ऐसे में समय बढ़ाने पर ही खरीददारी हो पाएगी.


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