बेटी की अंतरजातीय शादी कराने की पिता को मिली सजा, प्रधान ने खूंटे से बांध कर पीटा, गांव छोड़ने का दिया आदेश
इस मामले में थाना अध्यक्ष उमेश पासवान ने कहा कि इस तरह की घटना की लिखित शिकायत नहीं मिली है. शिकायत आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. कानून अपने हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है.
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कटिहार: बिहार के कटिहार जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. घटना जिले फलका प्रखंड हथवारा पंचायत की है, जहां बेटी की शादी दूसरी जाति में कराने की पिता को सजा दी गई. इस मामले में पहले पंचायत में बेरहमी से विवाहिता के पिता की पिटाई की गई. फिर एक लाख रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया. वहीं, जुर्माना नहीं दे पाने की स्थिति में गांव छोड़ कर चले जाने का आदेश दिया गया.
पूरे रीति रिवाज से की गई थी शादी
इस संबंध में पीड़ित ने बताया कि उसकी बेटी की शादी बगल के ही गांव के लड़के से पूरे रीति रिवाज के साथ संपन्न कराई गई थी. बेटी ससुराल में पति के साथ खुश थी और उसने एक बच्ची को भी जन्म दिया था. मगर शादी के एक साल बीत जाने के बाद गांव के प्रधान सीताराम मरांडी और अन्य लोग बुधवार की शाम उसे घर से जबरन खींच कर पंचायत में ले गए. जहां खूंटे से बांध कर घंटों उसकी पिटाई की गई. बारिश होने के बावजूद लोगों ने उसे खूंटे से बांध कर रखा.
इस दौरान गांव के प्रधान सीताराम मरांडी और उनके सहयोगी आदि ने मारपीट करते हुए तुगलकी फरमान सुनाया कि बेटी की अंतरजातीय विवाह करने के जुर्म में तुम्हें पंचायत द्वारा एक लाख रुपया का दंड सुनाया गया है, जिसे तुम जमा करने के बाद ही मुक्त हो सकते हो. नहीं देने की स्थिति में तुम्हें यह गांव छोड़कर भागना पड़ेगा. हद तो तब हो गई जब पंचायत में उससे सादे कागज पर अंगूठे का निशान लगवा लिया गया.
पंचों ने दी ये चेतावनी
इधर, 30 हजार रुपये देने के बाद पीड़ित को मुक्त किया गया. साथ ही ये चेतावनी दी गई कि इस बीच किसी भी प्रकार की कानूनी शरण ली या गांव से बाहर गए तो जान से हाथ धोना पड़ेगा. पीड़ित ने बताया कि मरने के डर से वो पैसे देकर मुक्त हुआ है. वहीं, उसके बच्चों ने बताया कि वे लोग जब पंचायत में फरियाद करने गए तो उन्हें भी वहां से मार कर भगा दिया गया.
घटना के बाद पीड़ित परिवार का यही कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए. साथ ही दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए. इस मामले में थाना अध्यक्ष उमेश पासवान ने कहा कि इस तरह की घटना की लिखित शिकायत नहीं मिली है. शिकायत आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. कानून अपने हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है.
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