बगहा: बिहार के पश्चिमी चंपारण में मॉनसून की पहली बरसात से ही बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. नेपाल के साथ-साथ उत्तर बिहार के कई जिलों में हो रही लगातार बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. इसी क्रम में वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 2 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिमी चंपारण के बगहा अनुमंडल में कई जगहों पर बांध टूट गया है, जिस वजह से कई इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है.


पल्ला झाड़ते रहे अधिकारी


बता दें कि बगहा के गोनौली गांव में दशकों बाद इस तरह की नौबत आई है. लोगों के घरों में पानी घुस गया है. ग्रामीणों की मानें तो पिछले बाढ़ के समय ही पहाड़ी नदियों का बांध टूटा था. इसके मरम्मती के लिए जल संसाधन विभाग को सूचना भी दी थी, लेकिन विभाग के अधिकारी वाल्मीकिनगर और जिला मुख्यायल बेतिया पर अपनी जिम्मेवारी थोपते रहे, जिसका नतीजा यह हुआ है कि ग्रामीणों के घर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.


पहाड़ी नदियों का बढ़ रहा जलस्तर


गौरतलब है कि लगातार हो रही बारिश के कारण अधिकांश नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. ग्रामीणों को डर सता रहा है कि मॉनसून की पहली बारिश में ये हाल है तो आगे क्या होगा. अभी पूरा मॉनसून बाकी है.


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